ज्ञातव्य है कि देसूरी,घाणेराव,सादडी के आसपास स्थित बांधों के ओवरफ्लो होने के बाद दादाई नदी में गुजरता है। जो उफान पर चलती है, जबकि यह नदी दादाई गांव के बीच से गुजरती है। ऐसे में बरसात के मौसम में दादाई गांव दो भागों में विभाजित हो जाता है। नदी में पानी की आवक अधिक होती है। मगर इस पर एक भी पुलिया नहीं से नदी का पानी रपट पर बहता है। ऐसे में ग्रामीणों का आवागमन करना मुश्किल हो जाता है। वहीं पानी की आवक शुरू होते ही गांव का एक-दूसरे से संपर्क टूट जाता है। ऐसे में कई दिनों तक ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि गांव में बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए ले जाने के लिए ग्रामीणों को घंटों तक नदी में पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है। साथ ही नदी के कारण गांव के बच्चे कई दिनों तक विद्यालय नहीं जा पाते हैं। जबकि पंचायत कार्यालय अटल सेवा केंद्र के बीच से नदी गुजरती है, जिसके कारण ग्र्रामीणों के कई महत्वपूर्ण कार्य नदी में बहते पानी के कारण नहीं हो पाते हैं। इतना ही नहीं नदी की रपट पर कई माह तक पानी बहने से फिसलन होने के कारण कई ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं। ऐसे में नदी दादाई गांव की सबसे बडी समस्या है ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधि उपसरपंच सतीश सोनी के सानिध्य में गांव में आयोजित रात्रि चौपाल में कलेक्टर से मिले नदी पर पुलिया निर्माण की मांग की। जिसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग देसूरी के सहायक अभियंता कस्तूरचंद नदी पर पुलिया निर्माण का प्रोजेक्ट बनाने के लिए दादाई गांव पहुंचे। जहां पर उन्होंने सरपंच रिंकूकंवर, उपसरपंच सतीश सोनी,भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अमरपुरी गोस्वामी की उपस्थिति में पुलिया का नाप चौक कर प्रोजेक्ट तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया। इस दौरान गजेंद्रसिंह मेड़तिया समाजसेवी,भैराराम मीणा अध्यक्ष भाजपा एसटी मंडल,प्रकाश माली,चंद्रप्रकाश हरजिन सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
दादाई गांव के बीच से गुजरने वाली नदी में बरसात के मौसम में पानी की आवक अधिक होती है। नदी में सेलीलाल बांध,काणा बांध,छोड़ा बांध,मुठाना बांध सहित अन्य बांधों के ओवरफ्लो का पानी इसी नदी में जाता है। ऐसे में दादाई नदी में सबसे अधिक पानी की आवक होती है। ऐसे में गांव के बीच से गुजर रही नदी पर एक भी पुलिया नहीं है। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
^दादाई गांव के बीच से गुजर रही नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में ग्रामीणों को वर्षों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नदी के कारण गांव दो भागों में विभाजित हो जाता है। ऐसे में बरसात के कारण गांव में आवागमन बंद हो जाता है। -रिंकूकंवरसरपंच, दादाई
^दादाईगांव की नदी पर पुलिया नहीं होने से ग्रामीण सबसे अधिक परेशान है। ऐसे में कलेक्टर के दादाई गांव पहुंचने पर ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने मिलकर नदी पर पुलिया का निर्माण की मांग की है। जिनके निर्देश पर पुलिया निर्माण को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। -किस्तूरचंदसुथार, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, देसूरी
नदी के कारण दो भागों में विभाजित होता है दादाई गांव
पंचायतसमिति देसूरी की ग्राम पंचायत दादाई के बीचोंबीच से गुजरने वाली मुख्य नदी के कारण बरसात के मौसम में नदी में पानी की आवक अधिक होने के कारण दादाई गांव दो भागों में विभाजित हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को कई दिनों तक समस्या का सामना करना पड़ता है।
दोसे तीन माह तक बहता है नदी में पानी
बांधोंके ओवरफ्लो होने के कारण दादाई नदी में करीब दो से तीन माह तक पानी बहता है। जिसके कारण नदी की रपट पर फिसलन होने से आए दिन ग्रामीण गांव में आते-जाते समय नदी के पानी में गिर जाते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को कई गंभीर चोटें भी लग चुकी है।
{सार्वजनिक निर्माण विभाग देसूरी के सहायक अभियंता ने पुलिया निर्माण को लेकर नाप-चौक कर अनुमान राशि का प्रस्ताव बानाकर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया।
{ दादाई गांव के बीचोंबीच से गुजरने वाली मुख्य नदी के कारण बरसात के मौसम में नदी में पानी की आवक अधिक होने के कारण दादाई गांव दो भागों में विभाजित हो जाता है।
देसूरी. | दादाईनदी पर प्रोजेक्ट तैयार करते अधिकारी उपस्थित ग्रामीण।
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