दिल्ली-चंडीगढ़ रूट
रेलवे के मुताबिक, दिल्ली से चंडीगढ़ जो लगभग 244 लम्बा है रूट पर पैसेंजर ट्रेनें 200 किेलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए इस कोरिडोर पर फ्रांस की कंपनी एसएनसीएफ से फिजिबिलिटी स्टडी करवाई गई है। रेलवे का कहना है कि स्टडी रिपोर्ट आ चुकी है। स्टडी रिपोर्ट की स्क्रूटनी की जा रही है। रेलवे का कहना है कि सेमी हाई स्पीड ट्रेन की बदौलत दिल्ली से चंडीगढ़ मात्र दो घंटे में पहुंचा जा सकता है। इस रूट पर सबसे पहले काम शुरू होने की उम्मीद है।
नागपुर-सिंकदराबाद रूट
इसी तरह नागपुर-सिकंदराबाद रूट पर भी 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाई जाएगी। इसकी फिजिबिलिटी और इम्पिलिमिटेशन स्टडी के लिए रेलवे मिनिस्ट्री और रशियन रेलवे के बीच एमओयू साइन हो चुका है। रेलवे के मुताबिक, इसकी स्टडी रिपोर्ट तैयार होने वाली है। रेलवे की कोशश है कि इस रूट पर जल्द से जल्द काम शुरू कर दिया जाए।
चैन्नई-काजीपट रूट
सेमी हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट्स के तहत रेलवे ने चैन्नई-काजीपट रूट पर भी स्टडी का काम शुरू होने वाला है। इसके लिए जर्मन रेलवे और भारतीय रेलवे के बीच समझौता हुआ है। इस रूट के लिए अलग से इंडियन रेलवे और जर्मन रेलवे ने 50:50 के अनुपात से कॉस्ट शेयरिंग बेस पर समझौता किया गया है।
मैसूर-बंगलुरु-चैन्नई रूट
मैसूर-बंगलुरु-चैन्नई रूट पर भी 200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हाई स्पीड रेल चलाने का भी प्लान है। इसके लिए जर्मनी गर्वनमेंट और भारत सरकार के बीच समझौता किया गया है।
बरती जाएगी सावधानी
रेलवे का कहना है कि 200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन चलाने से पहले पटरियों को तो मजबूत किया ही जाएगा, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा कि रूट के दोनों ओर मजबूत बाड़े (दीवार) बनाई जाए, ताकि कोई आदमी या जानवर पटरियों तक न पहुंचा पाए। इससे ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ेगी और साथ ही पटरियां पार करते वक्त होने वाले एक्सीडेंट में कमी आएगी।
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