Post Page Advertisement [Top]



घाटकोपर जॉली जिमखाना के सदस्यों ने समर संडे की संगीतमय शाम को सजाया

मुंबई: संगीत का बोलबाला पुरातन काल से रहा है। कला की दुनिया में संगीत को कुदरत की सबसे पुरानी और बेहतरीन देन कहा गया है। संगीत न सिर्फ सुनने में मीठा लगता है बल्कि इससे हमारे दिल की भावनाएँ जाग उठती हैं और इसकी धुन हमारे दिमाग में घूमती रहती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि संगीत परमेश्‍वर को भी खुश कर सकता है| मुंबई के उपनगरों में शीर्ष स्थान पर दर्ज जॉली जिमखाना, घाटकोपर द्वारा संगीतप्रेमियो के लिए संगीतमय शाम का आयोजन किया गया, जिसमे जॉली जिमखाना के सदस्यों ने बहुत ही खुबसुरत प्रस्तुति दी| उल्लेखनीय है कि इस संगीतमय शाम की प्रस्तुति में सम्मिलित होने वाले कलाकार प्रोफेशनल नहीं बल्कि क्लब के सदस्य ही हैं, जिनका चयन जॉली जिमखाना के चेयरमेन रजनीकांत शाह व मेनेजिंग ट्रस्टी मनोज अजमेरा द्वारा प्रोत्साहित इंटरटेनमेंट कमिटी इंचार्ज तथा ट्रस्टी ट्रेजरार श्री बलवंत भाई के सहयोग व सहकार्य से किया गया| खेल भावना व शारीरिक जागरूकता के अतिरिक्त क्लब के सदस्यों के मनोरंजन के साथ प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को गायन की शिक्षा कराउके के माध्यम से दी जाती है| ज्ञात हो कि जॉली क्रिकेट, शतरंज, बॉलीबॉल, टेबल-टेनिस, स्क्वोश,टेनिस आदि खेलों में प्रथम दर्जे में शामिल है| साथ ही शारीरिक सुसज्जता को शीर्ष स्थान पर रखते हुए स्वीमिंग, योग, मेराथन आदि का आयोजन उच्च स्तर पर प्राथमिकता से किया जाता है| जॉली जिमखाना की सदस्य श्रीमती ज्योतिजी मुणोत ने बताया कि इस कार्यक्रम में वरिष्ठ राजूजी व उपेन्द्रजी सहित नई पीढ़ी के वेदांत, श्रेयांस, महक, प्रचिती, जगदीशजी, संजयजी, केतुलजी,शैलेशजी, केतन मेहता, केतन मारू, जिग्नेशजी, विरेनजी, मुंजालजी, विन्नीजी एवं ज्योतिजी ने गायन प्रतिभा प्रस्तुत की, जिसका दर्शको का जबरदस्त प्रतिसाद मिला| कार्यक्रम का संचालन केतुलजी ने सुंदर शायरियों एवं गीतों की संक्षिप्त जानकारी के साथ किया| जॉली जिमखाना द्वारा सभी कलाकारों का अभिनंदन किया गया और सभी कलाकारों ने इतने बड़े मंच प्रदान करने हेतु जॉली जिमखाना एवं साउंड सिस्टम अरेंजर अभिषेकजी का आभार प्रकट किया|

No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Bottom Ad [Post Page]