अण्णा हजारे जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठे थे। तत्कालीन यूपीए सरकार के हाथ-पांव फूल चुके थे। अण्णा को मनाने की सारी कोशिशें करीब-करीब धराशाई हो गई थी। इसी बीच तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख ने उदय सिंह देशमुख (भैय्यू जी महाराज) मदद लेने का सुझाव दिया। शरद पवार को भी यह प्रयोग ठीक लगा और लोगों की पहल पर भैय्यू जी महाराज अगले दिन दिल्ली आ गए। खेलगांव स्थित बीईएल के गेस्ट हाऊस में ठहरे और उनके लिए काली मर्सिडीज गाड़ी लगाई गई। वहीं उनसे मिलना भी हुआ।
खत्म हो जाएगा अण्णा का आंदोलन
पांच फीट 11 इंच का सुदर्शन शरीर, चंद्रमुखी, कांति से युक्त दमकता चेहरे का आभा मंडल, माथे पर लाल चंदन, गले में सूर्य लॉकेट, मधुर वाणी और सामने हाथ जोड़े खड़े शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे। कुछ युवा चेहरे आस-पास। एक महिला भी। यही था वहां बीईएल गेस्ट हाऊस का दृश्य। थोड़ी देर बात हुई तो पता चला कि कभी वह एस कुमार के लिए मॉडलिंग करते थे, लेकिन आध्यात्म की तरफ रुझान ने इधर खींच लिया। अब आधुनिक गृहस्थ संत हैं।
लोगों को सुख से रहने, मानव समाज की सेवा करने, शिक्षा, पर्यावरण में काम करने की प्रेरणा देते हैं। सबसे एक पेड़ लगवाने का संकल्प लेते हैं। नर सेवा नारायण सेवा और सूर्य की उपासना ही मुख्य ध्येय है। अण्णा के आंदोलन पर पूरे आत्म विश्वास से कहा कि अब यह समाप्त हो जाएगा। यही हुआ भी। वह रामलीला मैदान गए, अण्णा का अनशन तुड़वाया। बाद में दूसरी बात वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का उपवास तुड़वाते मंच पर दिखाई दिए।
राजनीति के गलियारे से
राजनीति के गलियारे में भैय्यू जी की पकड़ काफी मजबूत रही। यह उनके मुंह से बताया हुआ है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई शीर्ष पदाधिकारी आश्रम आशीर्वाद लेने आते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को उनमें आस्था है। सुमित्रा महाजन के कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि उनमें कुछ शक्ति है। ताई भी इसे महसूस करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनपर भरोसा रखने वालों में गिने जाते हैं।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई राजनेताओं के प्रेरणास्रोत रहे। म.प्र. सरकार ने उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा दिया था। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देने का भी प्रस्ताव किया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील इंदौर आश्रम में जाती रही हैं। एनसीपी के शरद पवार, कांग्रेस के पूर्व नेता विलास राव देश मुख सब भैय्यू जी महाराज का लगाव रखते रहे हैं। राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और ठाकरे परिवार में भैय्यू जी महाराज अपनी पकड़ बनाए हुए थे। उनकी ख्याति के बारे में उनके ही पास बैठ शिष्य के मुताबिक कुछ मीडिया घराने, इंदौर, महाराष्ट्र और कुछ गुजरात के कारपोरेट घराने उनमें श्रद्धा रखते हैं। संपर्क का यह दायरा लता मंगेशकर, आशा भोसले, अनुराधा पौडवाल तक भी जाता था। सब आश्रम के अनुयाई थे।
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