20 साल की उम्र में दो दोस्त 20 करोड़ कमा लें, ये पढ़कर हैरानी भरा लगता है। लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) के प्रवीण और सिंधुजा ने ऐसा कर दिखाया है। उन दोनों ने ऑनलाइन टी-शर्ट बेचकर ऐसा किया है। बिजनेस की सफलता को देखते हुए अब दोनों दोस्त ऑफलाइन रिटेल बिजनेस में भी उतरने की तैयारी में है। वह जल्द ही अपना स्टोर खोलने जा रहे हैं। 3 साल पहले दोनों दोस्तों ने यंग ट्रेंड नाम से अपना टी-शर्ट ब्रांड शुरू किया और उसकी कीमत को केवल 250-600 रुपए के बीच रखी, जिसका उन्हें काफी फायदा मिला।
पढ़ाई के दौरान बिजनेस करने का आया आइडिया
यंग ट्रेंड्ज के को फाउंडर प्रवीण के. आर. बिहार और सिंधुजा के. हैदराबाद से हैं। वे दोनों स्टूडेंट थे, जब उन्हें बिजनेस करने का आइडिया है। NIFT की पढ़ाई के दौरान सातवें सेमिस्टर में उन दोनों ने अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा। उन्होंने अपनी वेबसाइट में भी इसकी जानकारी दी है। साल 2015 में ई-कॉमर्स मार्केट काफी बूम कर रहा था और तब उन दोनों ने ऑनलाइन क्लोदिंग ब्रांड यंग ट्रेंड्ज की शुरुआत की।

10 लाख से शुरू किया बिजनेस
उन दोनों ने साल 2015 सितंबर में 10 लाख रुपए की इन्वेस्टमेंट से बिजनेस की शुरुआत की। वह 2 महीने में ऑनलाइन मार्केट फ्लिपकार्ट, अमेजन, वूनिक और पेटीएम पर अपने प्रोडक्ट बेचने शुरू कर दिए। बाद में उन्होंने अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट भी बनाई। उनका यंग ट्रेंड्ज ब्रांड साल 2017 की फेस्टिव सेल के दौरान फ्लिपकार्ट पर 25,000 टी-शर्ट बेच चुका है।
कॉलेज फेस्ट में बेची टी-शर्ट
जब उनका सेमिस्टर खत्म होने लगा था तो वह कॉलेज फेस्ट और इवेंट्स में अपने ब्रांड यंग ट्रेंड्ज की टी-शर्ट बेचने लगे थे। उन्हें शुरुआत में एक दिन में करीब 10 टी-शर्ट के ऑर्डर मिलने लगे। सेमिस्टर खत्म होने तक वह आईआईटी और आईआईएम में मिलाकर डेली 100 से अधिक टीशर्ट बेच रहे थे।
20 करोड़ तक पहुंच गया है बिजनेस
अब उनके स्टार्टअप को रोजाना 1,000 टी-शर्ट का ऑर्डर आते हैं। उनका ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू बिना किसी वेंचर कैपिटल के 20 करोड़ रुपए पहुंच गया है। उनके प्रोडक्ट की कीमत 250 रुपए से लेकर 600 रुपए तक होती है। उनके ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 3,500 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं। अब उनका टर्नओवर 20 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ऑनलाइन सफलता को देखते वे अब ऑफलाइन स्टोर खोलने की तैयारी में हैं।
तय किया तिरुपुर तक का सफर
प्रवीण और सिंधुजा की अब पहली प्राथमिकता प्रोडक्ट डेवलपमेंट चैनल बनाने की थी। यह तिरुपुर में ही संभव था, क्योंकि यह निटवेयर और मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र है। उन दोनों को तिरुपुर को लेकर विश्वास था कि वह बेस्ट प्रोडक्ट तिरुपुर से ही खरीद सकते हैं क्योंकि उन्हें वहां की मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी कॉलेज के दिनों से पता थी।
तमिल नहीं आने से हुई शुरुआती समस्या
उनके लिए परेशानी की बात यह थी कि उन दोनों को ही तमिल नहीं आती थी, जिसके कारण उन्हें शुरुआती दौर में समस्या आई। तिरुपुर में गारमेंट इंडस्ट्री के बेस्ट प्रोडक्ट और लोग थे। उन्हें ऑनलाइन वेब ऑपरेशन के लिए आईटी प्रोफेशनल कोयम्बटूर से मिल गए। लॉजिस्टिक उनके लिए कभी दिक्कत भरा नहीं रहा, क्योंकि ई-कॉमर्स कंपनियों के कुरियर पार्टनर प्रोडक्ट लेकर जाते थे।
कॉलेज स्टूडेंट थे टारगेट
उनका टारगेट 18 से 28 साल की यंग जेनरेशन थी, क्योंकि इन्हें ट्रेंडिंग डिजाइन पसंद होते हैं। वह दोनों सोशल मीडिया में ट्रेडिंग टॉपिक को मॉनिटर करते हैं, ताकि वैसे ग्राफिक्स बना सके। उन दोनों का मानना है कि कॉम्पिटीशन बहुत टफ है।
5 राज्यों में है वेयरहाउस
यंग ट्रेंड्ज की 30 लोगों की टीम है। उनका वेयरहाउस तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं। वह जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी अपना वेयरहाउस खोलने जा रहे हैं। उनका मकसद इन वेयरहाउस के जरिए देश भर के कस्टमर को टारगेट करना है। अब उनके पास तीन डिजाइनर है और वह फोटोशूट और कैंपेन आउटसोर्स करते हैं।
सोर्स- यह स्टोरी कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के आधार पर ली गई है..
पढ़ाई के दौरान बिजनेस करने का आया आइडिया
यंग ट्रेंड्ज के को फाउंडर प्रवीण के. आर. बिहार और सिंधुजा के. हैदराबाद से हैं। वे दोनों स्टूडेंट थे, जब उन्हें बिजनेस करने का आइडिया है। NIFT की पढ़ाई के दौरान सातवें सेमिस्टर में उन दोनों ने अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा। उन्होंने अपनी वेबसाइट में भी इसकी जानकारी दी है। साल 2015 में ई-कॉमर्स मार्केट काफी बूम कर रहा था और तब उन दोनों ने ऑनलाइन क्लोदिंग ब्रांड यंग ट्रेंड्ज की शुरुआत की।

10 लाख से शुरू किया बिजनेस
उन दोनों ने साल 2015 सितंबर में 10 लाख रुपए की इन्वेस्टमेंट से बिजनेस की शुरुआत की। वह 2 महीने में ऑनलाइन मार्केट फ्लिपकार्ट, अमेजन, वूनिक और पेटीएम पर अपने प्रोडक्ट बेचने शुरू कर दिए। बाद में उन्होंने अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट भी बनाई। उनका यंग ट्रेंड्ज ब्रांड साल 2017 की फेस्टिव सेल के दौरान फ्लिपकार्ट पर 25,000 टी-शर्ट बेच चुका है।
कॉलेज फेस्ट में बेची टी-शर्ट
जब उनका सेमिस्टर खत्म होने लगा था तो वह कॉलेज फेस्ट और इवेंट्स में अपने ब्रांड यंग ट्रेंड्ज की टी-शर्ट बेचने लगे थे। उन्हें शुरुआत में एक दिन में करीब 10 टी-शर्ट के ऑर्डर मिलने लगे। सेमिस्टर खत्म होने तक वह आईआईटी और आईआईएम में मिलाकर डेली 100 से अधिक टीशर्ट बेच रहे थे।
20 करोड़ तक पहुंच गया है बिजनेस
अब उनके स्टार्टअप को रोजाना 1,000 टी-शर्ट का ऑर्डर आते हैं। उनका ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू बिना किसी वेंचर कैपिटल के 20 करोड़ रुपए पहुंच गया है। उनके प्रोडक्ट की कीमत 250 रुपए से लेकर 600 रुपए तक होती है। उनके ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 3,500 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं। अब उनका टर्नओवर 20 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ऑनलाइन सफलता को देखते वे अब ऑफलाइन स्टोर खोलने की तैयारी में हैं।
तय किया तिरुपुर तक का सफर
प्रवीण और सिंधुजा की अब पहली प्राथमिकता प्रोडक्ट डेवलपमेंट चैनल बनाने की थी। यह तिरुपुर में ही संभव था, क्योंकि यह निटवेयर और मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र है। उन दोनों को तिरुपुर को लेकर विश्वास था कि वह बेस्ट प्रोडक्ट तिरुपुर से ही खरीद सकते हैं क्योंकि उन्हें वहां की मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी कॉलेज के दिनों से पता थी।
तमिल नहीं आने से हुई शुरुआती समस्या
उनके लिए परेशानी की बात यह थी कि उन दोनों को ही तमिल नहीं आती थी, जिसके कारण उन्हें शुरुआती दौर में समस्या आई। तिरुपुर में गारमेंट इंडस्ट्री के बेस्ट प्रोडक्ट और लोग थे। उन्हें ऑनलाइन वेब ऑपरेशन के लिए आईटी प्रोफेशनल कोयम्बटूर से मिल गए। लॉजिस्टिक उनके लिए कभी दिक्कत भरा नहीं रहा, क्योंकि ई-कॉमर्स कंपनियों के कुरियर पार्टनर प्रोडक्ट लेकर जाते थे।
कॉलेज स्टूडेंट थे टारगेट
उनका टारगेट 18 से 28 साल की यंग जेनरेशन थी, क्योंकि इन्हें ट्रेंडिंग डिजाइन पसंद होते हैं। वह दोनों सोशल मीडिया में ट्रेडिंग टॉपिक को मॉनिटर करते हैं, ताकि वैसे ग्राफिक्स बना सके। उन दोनों का मानना है कि कॉम्पिटीशन बहुत टफ है।
5 राज्यों में है वेयरहाउस
यंग ट्रेंड्ज की 30 लोगों की टीम है। उनका वेयरहाउस तेलंगाना, कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं। वह जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी अपना वेयरहाउस खोलने जा रहे हैं। उनका मकसद इन वेयरहाउस के जरिए देश भर के कस्टमर को टारगेट करना है। अब उनके पास तीन डिजाइनर है और वह फोटोशूट और कैंपेन आउटसोर्स करते हैं।
सोर्स- यह स्टोरी कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के आधार पर ली गई है..
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