मुंबई/ गोडवाड ज्योति: लोकप्रिय राष्ट्रसंत गुरुदेव श्री ललितप्रभजी, राष्ट्रसंत श्री चन्द्रप्रभजी एवं डॉ. मुनिप्रवर श्री शांतिप्रियजी म.सा. का 26 जुलाई को मुंबई महानगर स्थित बोरीवली के कोरा केंद्र मैदान में आनंद उत्सव और महामंगलमय महोत्सव के बीच भव्य चातुर्मासिक प्रवेश हुआ| राष्ट्रसंत ने इस अवसर पर मुंबई के नाम पहला पैगाम देते हुए कहा कि मुंबई देश का हार्ट है इसीलिए सबसे स्मार्ट है| पूरा देश सपने देखता है पर उन सपनों को मुंबई पूरा करता है| अगर आपने विश्व को नहीं देखा तो मुंबई को देख लो.. विश्व का नजारा नजर आ जाएगा| मुंबई महालक्ष्मी की नगरी है और हम मां सरस्वती के पुत्र हैं। अगर लक्ष्मी और सरस्वती मिल जाए तो जिंदगी सुखी, समृद्ध और संस्कारवान बन जाए। कोरा केन्द्र मैदान में आयोजित 57 दिवसीय सत्संग का महाकुंभ किसी पंथ-परंपरा के लिए नहीं बल्कि हर इंसान के लिए है| यहाँ पर इंसान को अच्छा इंसान बनाया जाएगा| कोरा केन्द्र मैदान में इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में दिए गए लेक्चर होंगे| जो महानुभाव 57 दिन यहाँ आ जाएगा, उसके 57 साल संवर जाएंगे।
मुंबई का यह ऐसा पहला चातुर्मास है, जिसे सभी परंपराओं के श्रद्धालु मिलकर आयोजित कर रहे हैं| गुरुदेव ने अपने संदेश में 1. प्रेम की शहादत, 2. प्रभु की इबादत और 3. प्रणाम की ताकत का प्रभावी उद्बोधन दिया| राष्ट्रसंतों के सम्मान में आयोजित अभिनंदन-समारोह में सांसद श्री गोपाल शेट्टी, विधायक श्री नरेन्द्र मेहता, विधायक श्री भँवरसिंह पलाड़ा, पूर्व महापौर श्रीमती गीता जैन और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता के.सी. बोकडिय़ा सहित अनेक बड़ी हस्तियाँ शामिल हुई। दिव्य सत्संग और प्रवचन के लिए कोरा केन्द्र के बड़े मैदान में बेहद खूबसूरत पांडाल बांधा गया था, जिसमें हर तरह से हाई लेवल का मैनेजमेंट किया गया है।
चातुर्मास स्थल: माँ मांगल्य भवन, योगी नगर के सामने, लिंक रोड, बोरीवली वेस्ट, मुंबई। प्रवचन स्थल: कोरा केन्द्र मैदान, बोरीवली वेस्ट
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