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पर्व-त्‍योहार के मौके पर बाहर नौकरी कर रहे लोगों के लिए अक्‍सर मुश्किल काम होता है। फेस्टिव सीजन में रेलवे की टिकट महीनों पहले बुक हो जाती है। होली के ठीक पहले रेलवे ने अपने नियम में कुछ बदलाव किए हैं, जिसका फायदा पर्व-त्‍योहार के मौके पर सफर करने वालों को मिल सकता है। अगर आप भी होली के मौके पर अकेले या परिवार के साथ घर जा रहे हैं तो यह नियम जानने से आपको फायदा मिल सकता है।

वेटिंग लिस्‍ट की टिकटों में किया बदलाव
रेलवे ने वेटिंग लिस्ट को लेकर बड़ा बदलाव किया है। रेलवे के नए नियम का वेटिंग लिस्‍ट में रह जाने वाली टिकट पर यात्रा कर रहे यात्रियों को फायदा मिल सकता है और उनका टिकट कन्‍फर्म हो सकता है। फेस्टिव सीजन में ट्रेन से सफर करने वालों को अक्‍सर टिकट कन्फर्म न होने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। महीनों पहले टिकट ले लेने के बाद भी वह कन्फर्म नहीं हो पाता। ऐसे में कई बार लोगों को मन मसोस कर यात्रा की अपनी योजना स्‍थगित करनी पड़ती है। इसलिए रेलवे ने अब तय किया है कि महिला कोटे के तहत इस्तेमाल न होने वाली सीटों को पहले वेटिंग लिस्ट की महिला यात्रियों और उसके बाद वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाएगा।

अभी चार्ट बनने तक रहता था खुला
फिलहाल यह कोटा चार्ट बनने के समय तक बुकिंग के लिए खुला रहता था। इस कारण बहुत से यात्रियों की टिकट वेटिंग ही रह जाती थी, जिस कारण कई यात्री अपनी यात्रा टाल देते थे। रेलवे बोर्ड ने 15 फरवरी की एक सर्कुलर में सभी व्यावसायिक प्रबंधकों को 'महिला कोटा के तहत आने वाली सीटों के इस्तेमाल के तर्क में सुधार करने के अपने फैसले की जानकारी दी है।

अब यह टिकट महिलाओं या वरिष्‍ठ नागरिक को मिलेगी यह सीट
नए नियम के मुताबिक चार्ट बनने के समय तक महिला यात्रियों के लिए कोटे की अनयूज्ड सीटों को पहले वेटिंग लिस्ट की महिला यात्रियों को दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी सीट बची रहती है तो उसे वरिष्ठ नागरिकों को दे दिया जाएगा। इस नियम में यह भी जोड़ा गया है कि अगर ऐसा कोई भी यात्री नहीं है और सीट खाली रहती है तो ट्रेन में मौजूद टिकट की जांच करने वाला स्टाफ सीट को किसी अन्य महिला यात्री या वरिष्ठ नागरिक को देने के लिए अधिकृत होगा।

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