श्रीमती लोढा ने बताया कि संस्था द्वारा इससे पहले प्रथम बार जनवरी में शहीद आर्मी ऑफिसर, दूसरी बार मई में अग्निशमन कर्मियों के परिवार को वीरता सम्मान से नवाजा जा चुका है| उन्होंने शहीद परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके परिवार के त्याग को नमन किया| उन्होंने कहा कि ये हमारे पारिवारिक रिश्ते से कुछ नहीं होते लेकिन उनके लिए हम ही उनका परिवार हैं| ये हमारे लिए रात-रात भर जागते है इसलिए हम चैन की नींद सो पाते हैं| इन शहीदों की शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता| इसकी शहादत ने हमें गौरवान्वित किया है| किसी ने सही कहा है कि “Remarkable thing about the life is that it can never be so bad that it cannot get worse.” यानि जीवन के बारे में उल्लेखनीय बात यह है कि यह कभी इतना बुरा नहीं हो सकता है और यह खराब भी नहीं हो सकता है| यह तो हुई जीवन की बातें लेकिन मृत्यु का क्या...? संसार में जिसने जन्म लिया है, उसका मरण निश्चित ही है लेकिन मृत्यु तब महोत्सव बन जाती है, जब इसे मौत नही, शहादत के नाम से पुकारा जाता है| शहीद के जीवन में कई ऐसे पल आते जब इस बात के महत्व और गूढ़ता का आभास होता है| आज वो दिव्यात्मायें जिस क्षितिज में विचरण कर रही होगी, कहीं दूर से हमें देखकर यह जरुर कहती होगी कि नए गगन में नया सूर्य जो चमक रहा है/ यह विशाल भूखंड आज जो दमक रहा है/ मेरी भी आभा है इसमें!'' उनके इस वक्तव्य को सुनकर पुलिसकर्मियों के परिजन व उपस्थित सभी लोग अत्यंत भावुक हो गए थे।
देश के प्रति कर्तव्यपरायणता हेतु जीवन समर्पित करने वाले इन वीर शहीदों का हुआ सम्मान
1: 28 जून 1961 में जन्मे विलासजी विठोबाजी शिंदे ने 1985 में ड्यूटी ज्वाइन की और 31 अगस्त 2016 में शहीद हो गये|
2: 5 मई 1967 में जन्मे रविन्द्रजी महाडिक ने 1990 में ड्यूटी ज्वाइन की और 16 सितम्बर 2014 में शहीद हो गये|
3: 28 जून 1961 में जन्मे अशोकजी रामचंद्रजी परब ने 1981 में ड्यूटी ज्वाइन की और 18 फरवरी 2018 में शहीद हो गये|
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