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कालन्द्री/ गोडवाड ज्योती: कालन्द्री के पास वलदरा गांव में संस्कृत शिक्षा विभाग द्घारा संचालित विधालय का पुराना भवन मरम्मत व देख-रेख के अभाव मे दिनो-दिन जर्जर होता जा रहा है। उक्त भवन गांव के ही दानदाता ने बनवाकर संस्कृत शिक्षा विभाग को भेंट किया था और इसी परिवार ने नया भवन बनवाकार विभाग को भेट किया है। देखरेख व मरम्मत के अभाव में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है|

ऐतिहासिक है धरोहर
उक्त राजकीय संस्कृत विधालय वलदरा पुराना भवन गांव के बीचो-बीच होने से छोटे बच्चो के अध्ययन व प्राथमिक स्तर के लिए अति जरूरी भवन है। साथ ही उक्त भवन मे आजादी से पहले विधालय संचालित था। सन् 1944 मे दरबार प्राइमरी,सन् 1949 मे राजकीय प्राथमिक विधालय तथा सन् 1984मे राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विधालय के रूप मे संचालित रहा। वर्तमान मे विभागीय उपेक्षा के अभाव मे ऐतिहासिक धरोहर दिनो-दिन जर्जर हो रही है। इस संदभॅ मे गांव के ही समाजसेवी सुरेश पुरोहित ने संभागीय शिक्षा अधिकारी जोधपुर तथा संस्कृत शिक्षा निदेशक निदेशालय जयपुर को कई बार अवगत करवाया लेकिन आज भी स्थिति ज्यो की त्यो बनी हुई है।
सुरेश जुगनू

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