तीन न्यायधिशों की बेंच इस बात पर विचार कर रही है कि अयोध्या मामले से जुड़े एक अहम सवाल को संविधान पीठ में भेजा जाए या नहीं. जिस सवाल पर पेंच फंसा हुआ है वो ये है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्ज़िद का होना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या मामले पर सुनवाई करेगा. तीन न्यायधिशों की बेंच इस बात पर विचार कर रही है कि अयोध्या मामले से जुड़े एक अहम सवाल को संविधान पीठ में भेजा जाए या नहीं. जिस सवाल पर पेंच फंसा हुआ है वो ये है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्ज़िद का होना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं.
मुस्लिम पक्ष ने एक पुराने फैसले के आधार पर इस सवाल को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की है. जबकि हिंदू पक्ष और यूपी सरकार इसे मुख्य अयोध्या मामले की सुनवाई टलवाने का हथकंडा बता कर इसका विरोध कर रहे हैं.
बीती छह जुलाई को चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की इस बेंच ने इस्माइल फारुकी मामले पर फिर से सुनवाई शुरू की थी. बीते दिनों में ये बड़ी बहस का मुद्दा रहा है कि क्या एक बड़ी बेंच को इस मामले पर सुनवााई करनी चाहिए या नहीं.
1994 में ऐसे ही एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ये फैसला दिया था कि नमाज अदा करने के लिए मस्जिद का होना जरूर नहीं है. फैसले में कहा गया था कि नमाज दूसरी जगहों पर भी अदा की जा सकती है. इसी वजह से मुस्लिम समाज के कई समूह मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच की मांग कर रहे हैं.
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