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अजमेर.धोलाभाटा तिलक नगर में शुक्रवार को रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारी के पुराने मकान पर नव निर्मित आरसीसी की छत भरभरा कर गिर गई। हादसे के दौरान चार मजदूर काम कर रहे थे, चारों मलबे के भीतर फंस गए। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ के दलों ने रेस्क्यू कर चारों को बाहर निकाल लिया। इनमें से एक मजदूर की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई, जबकि तीन मजदूर जेएलएन अस्पताल में उपचाररत हैं।

मंत्री ने संभाली बचाव अभियान की कमान :

 खास बात यह रही कि हादसे के तुरंत बाद राज्य मंत्री अनिता भदेल ने मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य की कमान संभाली। मजदूरों को मलबे से निकाले जाने तक भदेल मौके पर ही डटी रही। कलेक्टर आरती डोगरा के साथ एडीएम अरविंद कुमार सेंगवा, एसपी राजेन्द्र सिंह चौधरी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने बचाव कार्य का निर्देशन किया। राज्य मंत्री भदेल ने मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है।

धौलाभाटा निवासी कांति प्रसाद की हुई मौत:
रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने धोलाभाटा तिलक नगर स्थित पुराने मकान पर आरसीसी छत का निर्माण कराया था। ठेकेदार राजू पुत्र दिलीप ने निर्माण कार्य के दौरान शुक्रवार को छत को 21 दिन पूरे होने पर मजदूर तारा, कांति, सोनू और गणेश को आरसीसी छत की शेटरिंग खोलने के लिए काम पर लगाया था। दो मजदूर छत पर थे और दो नीचे काम कर रहे थे। इसी दौरान एकाएक छत भरभराकर गिर पड़ी। पुराने मकान में पट्टियों की छत भी मलबे से टूट गई। चारों मजदूर मलबे में दब गए। जोरदार धड़ाम की आवाज के साथ छत गिरी तो आसपास के लोग भी सहम गए और मकानों से बाहर निकल अाए। मलबे से उठा धूल का गुबार जब छंटा तो लोगों ने मजदूरों की टोह ली। पता चला कि चारो मजदूर मलबे में दबे हुए हैं।

रेस्क्यू चलाया, सांस न मिलने से मजदूर बेहोश हो गए : 
रेस्क्यू कर दो मजदूरों को बाहर निकाला गया, लेकिन दो मजदूर भीतर ही फंसे थे। एनडीआरएफ के जवान पूरे बचाव साधनों के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान मलबे के बीच फंसे मजदूर पर्याप्त सांस नहीं लेने के कारण बेहोश हो गए थे। रेस्क्यू दल ने उपकरण से दीवार व लकड़ी काट कर रास्ता बनाया और दोनों मजदूरों को बाहर निकाल लिया। मौके पर मौजूद एंबुलेंस से तुरंत उन्हें जेएलएन अस्पताल पहुंचा दिया गया। रास्ते में अजमेर के धौलाभाटा निवासी मजदूर कांतिप्रसाद की मौत हो गई। तीन अन्य मजदूर की हालत भी गंभीर बनी हुई है। तीनों मजदूरों को आईसीयू में भर्ती किया गया है।

शुक्र है! बच गया :
छत गिरी और मौत बनकर करीब डेढ़ घंटे तक एक मजदूर की पीठ पर सवार रही। मजदूर ने भी हिम्मत नहीं हारी। आखिर मौत पीठ पर भी आकर फिसल गई। इस मजदूर को जीवित बचा लिया।

5 लाख की आर्थिक सहायता :
हादसे में मृत श्रमिक कान्ति प्रसाद के परिजनों को 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने सहायता राशि तुरन्त स्वीकृत करने के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए हैं। जिला कलक्टर आरती डोगरा ने भी घटना स्थल पहुंचकर हालात का जायजा लिया तथा जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में कुशलक्षेम पूछकर चिकित्सकों को हर संभव उपचार देने के निर्देश दिए। बचाव कार्य में पार्षद द्रोपदी देवी, पूर्व पार्षद सांखला और पार्षद कैलाश कोमल, व वेद प्रकाशसहित स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका निभाई।

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