लॉकडाउन के कारण कोरोना के मामले कम तो हैं लेकिन यह हमेशा नहीं रह सकता। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। तो आखिर कैसे जिएंगे हम कोरोना के साथ?
महीनों चले लॉकडाउन के बाद अब कोरोना से पार पाने का अब एक ही तरीका बच गया है और वह यह कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। इसके साथ जीने का सबसे बड़ा मंत्र है: इससे डरना नहीं है लेकिन इसके पास भी नहीं जाना है। ऐसे में हम-आप अपनी स्थिति को कुछ ऐसे समझ सकते हैं जैसे कि हम एक जंगल से गुजर रहे हैं और किसी भी जानलेवा हमले से हमें खुद को बचाना है। जाहिर है, हमें हमेशा चौकन्ना रहना होगा और वार के लिए तलवार और ढाल लेकर चलना होगा। कोरोना के मामले में हमारा दुर्भाग्य यह है कि एक तो यहां दुश्मन अदृश्य है, ऊपर से इसे मारने वाली तलवार (दवा या वैक्सीन) तैयार नहीं हुई है। ऐसे में हमारे पास बस ढाल ही है, जो हमें इसके हमले से बचा सकता है। जी हां! फिलहाल बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है।
बचाव संभव है
➤ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर
➤कोरोना के मरीजों को आइसोलेशन में रखकर
➤ कोरोना के मरीजों के संपर्क से दूर रहकर
➤ कोरोना के मरीजों की सही केयर कर
➤ मास्क का उपयोग कर
➤ साबुन से बार-बार और लगातार 20 सेकंड तक हाथ धोकर
➤ सैनिटाइजेशन का सहारा लेकर
➤ मुंह, नाक, और आंखों को छूने से बचकर
➤ बुजुर्गों और बच्चों का खास ध्यान रखकर
➤ अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर
➤ पॉजिटिव सोचकर
➤ घर के अंदर ही फिजिकली ऐक्टिव रहकर
🠊 एक चीज तो साफ है और वह यह कि वायरस आप चाहेंगे, तभी आपके पास आएगा। ऐसे में उन्हें अपने पास बुलाने से बचें। अब यह कैसे संभव होगा, इस पर गहरा मंथन कर लें और उसी के अनुसार आगे के कुछ महीने की जीवन जीने की रणनीति तय करें।
🠊सबसे बड़ी बात तो यह कि अगर आप मास्क लगाते हैं और सुरक्षित दूरी बनाकर रहते हैं तो कोरोना का पॉजिटिव मरीज भी आपके लिए दुश्मन नहीं है।
🠊 यहां तक कि घर में पॉजिटिव मरीज हो तो भी आप कोरोना से बचे रह सकते हैं।
🠊 बस ध्यान रखें कि घर में उसे अलग रखना है, उसके साथ कम समय बिताना है, मास्क और ग्लव्स पहनकर रखना है, अपना चेहरा नहीं छूना है और मरीज से एक मीटर की दूरी बनाकर रखनी है।
🠊 यहां तक कि बिना लक्षणों वाला कोरोना का मरीज भी आपके लिए घातक नहीं है, अगर आप मास्क और ग्लव्स के साथ रहते हैं और घर-बाहर हर जगह सबसे 1 मीटर की दूरी मेंटेन करते हैं।
🠊 बच्चों और बुजुर्गों से सबको दूर रखें। संभव हो तो उनको घर में अलग कमरा दें। दूर से बात करें और दुलार-प्यार भी।
🠊 बुजुर्गों और बच्चों को बाहर जाने से रोकें और उनकी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के उपाय करें।
🠊 उम्र के लिहाज से बच्चों और बुजुर्गों को जो टीका लगवाना जरूरी हो, लगवाते रहें।
कुछ फर्ज निभाएं:
🠊 वायरस से डरना नहीं है और न ही किसी को डराना है। वायरस के साथ इंसान सदियों से जीता आया है और आगे भी हमें इसके साथ जीना है। इंसान हमेशा से वायरसों को हराता आया है और आगे भी हराता रहेगा। हां, इसको हराना है तो कुछ कर्तव्य हम सबका है, उसे निभाएं:
🠊 अगर फ्लू के लक्षण हैं तो घर में ही रहें, सबसे अलग रहें और अपने से जुड़े लोगों को इसके बारे में बताएं।
🠊 एन 95 या सर्जिकल मास्क पहनें, यहां-वहां थूकें नहीं।
🠊 हमेशा कुहनी मोड़कर छीकें।
🠊 टेस्ट कराए। अगर कोरोना है तो सरकार और डॉक्टर की सलाह मानें।
🠊 सरकार और डॉक्टर को कैप्टन मानें और खुद को सिपाही। खुद को उस सेना का हिस्सा मानें जो कि कोरोना से युद्ध लड़ रही है और उसे हराना चाहती है।
🠊 धार्मिक स्थलों से अभी दूर रहें। घर में ही पूजा-पाठ या इबादत करें।
सैनिटाइजर और साबुन
🠊 साबुन कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त है। जितनी बार संभव हो, हाथ धोते रहें।
🠊 याद रखें 20 सेकंड तक हाथ के कोने-कोने को धोना है।
🠊 याद रखें कि सैनिटाइजर बिल्कुल जरूरी नहीं है लेकिन साबुन न मिले तो यही विकल्प आपके पास होगा। हमेशा एक छोटी बोतल अपने साथ रखें।
🠊 वही सैनिटाइजर अच्छा है जो हाथ पर अप्लाई करने के बाद उड़ जाए, यानी बिना चिपचिपाहट वाला।
🠊 सैनिटाइजर वही इस्तेमाल करें जिसमें 60 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल हो।
🠊 बेहतर होगा सैनिटाइजर को एक ऐसे डिब्बे में रखें जिससे स्प्रे हो सके। वैसी जगहों पर जहां वायरस हो सकता है मसलन गेट, लिफ्ट आदि, स्प्रे करते रहें।
🠊 सैनिटाइजर से त्वचा संबंधी शिकायत हो सकती है इसलिए साबुन ही ज्यादा यूज करें तो बेहतर रहेगा।
🠊 हाथों पर मॉइस्चर या कोई अच्छी क्रीम लगाते रहें।
🠊 आग जहां हो, वहां सैनिटाइजर के उपयोग से बचें, मसलन किचन में।
फैशन-वैशन कैसा हो
🠊 बाहर जाएं तो घड़ी और अंगूठी न पहनें।
🠊 लेदर बेल्ट को धोना या सैनिटाइज करना मुश्किल है, इसलिए न पहनें। अगर पहनना जरूरी ही हो तो अंडरसेटिंग न करें यानी शर्ट या टीशर्ट को पैंट के बाहर रखें ताकि बेल्ट ढंकी रहे।
🠊 बाजार में प्लास्टिक या कॉटन के बेल्ट उपलब्ध हैं, उन्हें यूज कर सकते हैं।
🠊 वॉलेट रखना छोड़ दें। पैसे और कार्ड को जिप पाउच में रख सकते हैं लेकिन उसे भी सैनिटाइज करते रहें।
🠊 घर में जूलरी पहनना ठीक है लेकिन बाहर जाएं तो नाक-कान की जूलरी न पहनें तो अच्छा रहेगा। अगर पहनना ही हो तो आकर फिर अच्छे से उन्हें धोएं या सैनिटाइज करें और सुखाकर पहनें।
🠊 गॉगल्स या चश्मा यहां-वहां न रखें। इन्हें भी समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें।
एन-95 या सर्जिकल मास्क आपके लिए जरूरी नहीं, लेकिन...
कोरोना के साथ जीने में मास्क सबसे अहम भूमिका निभाएगा। दरअसल, अभी बहुत कम लोग ही मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। चूंकि मास्क पहनना अनिवार्य है इसलिए लोग मास्क के नाम पर कुछ भी, कैसे भी पहन रहे हैं। यह जानना जरूरी है कि सर्जिकल या एन 95 मास्क सबके लिए जरूरी नहीं है। कॉटन के अच्छे कपड़े से आप घर भी मास्क बना सकते हैं और उसे पहनकर कोरोना से बच सकते हैं। बाजार में कई तरीके के मास्क मिल रहे हैं, आप कोई-सा भी खरीद सकते हैं। बस ध्यान यह रखना है कि वह नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढंक रहा हो।
ऐसा मास्क पहनें जिससे मुंह और नाक पूरी तरह ढंक जाएं।
🠊 मास्क ऐसे पहनें कि सांस के लिए हवा मास्क के बीच से आए न कि उनके किनारों या नीचे से। यानी फेस और मास्क के बीच गैप नहीं होनी चाहिए।
🠊 बाजार से हमेशा चेहरे के हिसाब से मास्क खरीदें। अगर नहीं मिले तो खुद से घर में बना लें।
🠊 मास्क को बार-बार न छुएं। हमेशा हाथ सैनिटाइज कर या हाथ धोकर ही मास्क को हाथ लगाएं।
🠊 परिवार के हर सदस्य के लिए घर में बनाए या बाजार में उपलब्ध कॉटन के कम से कम 4 मास्क रखें। उपयोग करने के बाद उन्हें अच्छी तरह से धोएं और पूरी तरह से सूखने के बाद ही फिर से उपयोग करें।
🠊 ट्रिपल लेयर वाला यह मास्क सबसे प्रभावी माना जाता है।
🠊 यह कोरोना पॉजिटिव के बहुत पास आ जाने पर भी बचाएगा।
🠊 सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा उपयोग न करें।
एन-95: इसकी जरूरत सभी को नहीं है। इसे सही तरीके से पहनने के बाद सांस भी मुश्किल से आती है इसलिए यह सबको यूज भी नहीं करना चाहिए। अगर कोरोना पॉजिटिव के साथ हैं या हॉस्पिटल जा रहे हैं या ऐसी जगह जा रहे हैं जहां पॉजिटिव लोगों को संख्या ज्यादा हो सकती है तो ही इसे यूज करें। हो सके तो इस फॉर्म्युला का पालन करें। इस मास्क को आप 20 दिन चला सकते हैं लेकिन शर्त यह है कि आप एक साथ 4 मास्क खरीदें और जो मास्क आज यूज किया उसे फिर पांचवें दिन पहनें। 20 दिन के बाद 4 फिर से खरीद लें।
नोट: मास्क उपयोग करने के बाद उसे कैंची से काटकर फेंकें ताकि कूड़े से उठाकर कोई उसे बेच न दें। ऐसा बड़े पैमाने पर हो रहा है कि डंप किए मास्क को धोकर फिर से बाजार में बेचा जा रहा है। यह खतरनाक है और कोरोना के साथ जीने में यह बाधा डालेगा।
मोबाइल की केयर
मोबाइल ऐसी चीज है जिसके बिना रहना असंभव है लेकिन साथ ही वायरस के मामले में यह सबसे ज्यादा रिस्की चीज भी है। यह वायरस का आसान करियर है। दिक्कत यह है कि मोबाइल को हम सैनिटाइज नहीं कर सकते क्योंकि इस चक्कर में यह खराब हो सकता है। ऐसे में आपको सावधान रहना होगा:
🠊 मोबाइल को एक जिप पाउच के अंदर रखें और आवाज के लिए एक छोटा छेद कर दें। बिना पाउच से निकाले उसे यूज करें।
🠊 अगर संभव हो तो इसे लेमिनेट करा लें ताकि इसे सैनिटाइज किया जा सके और इसकी स्क्रीन या मदरबोर्ड खराब न हो।
🠊 दोनों संभव न हो तो किसी पॉलिथीन के अंदर रखें और उसे सैनिटाइज करते रहें।
🠊 संभव हो तो हमेशा स्पीकर का यूज करें ताकि यह आपके मुंह से दूर रहे।
🠊 मोबाइल एक्ससेजरीज का इस्तेमाल न करें क्योंकि वह वायरस का घर हो सकता है।
🠊 मोबाइल यहां वहां न रखें। हमेशा जेब के अंदर रखें।
बच्चों को करें ट्रेंड
🠊 बच्चा बीमार न पड़े इसके लिए उसे ट्रेंड करें। कुछ महीने बाद वह स्कूल जाएगा। स्कूल जाकर उसे क्या करना है, क्या नहीं, इसकी आदत अभी से डलवाएं क्योंकि अभी कोरोना से लंबी लड़ाई लड़नी है।
🠊 उसे शेयर न करने की आदत डालें।
🠊 एक-दूसरे को हाथ मारने की आदत छुड़वाएं।
🠊 घर में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएं ताकि स्कूल जाकर वह दूसरे बच्चों से दूर रहे।
🠊 हाथ सैनिटाइज करने की आदत डलवाएं।
🠊 लॉकडाउन में बच्चों ने ज्यादा स्क्रीन टाइम की आदत डाल ली है। इसे जल्द से जल्द खत्म करवाएं। उन्हें गैजट यूज करने से रोकें।
कोरोना को खुद से ऐसे रखें दूर
🠊 घर में भारतीय परंपराओं का पालन करें। पवित्रता का हमारी परंपराओं में खास स्थान रहा है। फिर से इन्हें दिल से अपनाएं।
🠊 मुंह या नाक में ऊंगली डालना हमारे यहां हमेशा से बुरा माना गया है। आप ऐसा न करें। आंख भी न छुएं।
🠊 हर काम करने से पहले हाथ को अच्छी तरह से धोएं।
🠊 घर को साफ-सुथरा रखें और हाइजीन का खास खयाल रखें।
🠊 जूते-चप्पल घर के अंदर लाने की परंपरा हमारे यहां नहीं रही है। इसका पालन करें।
🠊 घर आने वाले मेहमानों को नमस्ते करें, हाथ न मिलाएं।
🠊 जिन कपड़ों में बाहर जाएं, घर आते ही सबसे पहले बाथरूम जाकर उन्हें जाकर गर्म पानी से धोकर सुखाने दें।
🠊 घर लौटकर चश्मा भी तभी उतारें, जब हाथों को धो लिया हो। इससे पहले किसी चीज को टच न करें।
🠊 एसी का उपयोग कर सकते हैं। कूलिंग बहुत ज्यादा न करें।
🠊 घर या लिफ्ट का दरवाजा खोलना है तो कुहनी, पैर या पीठ का इस्तेमाल करें।
🠊 लिफ्ट खाली हो तभी यूज करें।
🠊 हमेशा एक पेन साथ में रखें। पेन का कवर हटाएं, नीब से लिफ्ट का बटन पुश करें और पेन को कवर से बंद कर दें।
🠊 घुसने से पहले फैन ऑन कर दें, थोड़ा वेट करें फिर घुसें। फ्लोर सिलेक्ट करने के लिए फिर से पेन का प्रयोग करें।
🠊 अगर कोई और भी लिफ्ट में है तो दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं। दूसरों के मुंह से दूर रहें।
🠊 अभी लॉकडाउन मोड में ही रहें। गैदरिंग से बचें।
🠊 अगर बुखार और सर्दी-जुकाम नहीं है तो कामवाली को आने दें। उसे रोज नया सर्जिकल मास्क दें और बार-बार हाथ धोने की हिदायत दें। किचन में सैनिटाइजर कभी भी यूज न होने दें क्योंकि उसमें अल्कोहल होता है और उससे किचन में आग लगने की आशंका रह सकती है। हालांकि छोटे बच्चे और बीमार बुजुर्ग घर में हैं तो अभी उन्हें बुलाना सही नहीं रहेगा।
🠊 बाजार में कम से कम जाएं। कोशिश करें कि हफ्ते में एक ही बार बाजार जाना पड़े।
🠊 हर सामने वाले को कोरोना मरीज समझें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शॉपिंग करें
🠊 उन दुकानों में न जाएं जहां भीड़भाड़ ज्यादा हो। लोग कम हो तभी जाएं।
🠊 बाजार में कैश के लेन-देन से बचें। डिजिटल पेमंट की आदत डालें यानी भीम ऐप, पेटीएम आदि का उपयोग करें।
🠊 कार्ड स्वाइप करने के बाद हाथ सैनिटाइज करें और उसे जेब में सीधे रखने के बजाय जिप पाउच में रखें।
🠊 दुकान या शोरूम में यहां-वहां छूने की आदत से बाज आएं। काउंटर पर कुहनी या हाथ लगाकर दुकानदार से बात करने की आदत है तो भूल जाएं।
🠊 वैसे सामानों को न छुएं, जो आपको खरीदना ही नहीं।
🠊 अगर खराब होने वाली चीज नहीं है, मसलन कपड़े आदि तो बाजार से सामान लाकर तुरंत उपयोग न करें। कोशिश करें कि हफ्ते भर बाद उन्हें उपयोग में लाएं।
🠊 जिन चीजों को धो सकते हैं, बाजार से लाकर उन्हें नमक वाले गर्म पानी में धोकर रख लें और सूखने के बाद ही प्रयोग करें।
🠊 सफर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने से बचें। अगर सफर से नहीं बच सकते तो बचाव की पूरी तैयारी के साथ चलें। ग्लब्स जरूर पहनें। मास्क और फेस शील्ड का प्रयोग करें।
🠊 हाथों को हमेशा पैंट या जींस की जेब में रखने की आदत डालें। इससे आप यहां-वहां छूने से बचे रहेंगे।
🠊 बहुत भीड़ हो तो बस या मेट्रो में सफर न करें।
🠊 बस या मेट्रो के अंदर लोगों से दूरी बनाकर खड़े हों। धक्का-मुक्की में शामिल न हों।
🠊 मेट्रो के अंदर दीवार की तरफ मुंह कर खड़े हों और हैंड रेलिंग पकड़ने से बचें।
🠊 हैंड सैनिटाइजर साथ रखें और किसी सतह को छूने के बाद जरूर हाथ सैनिटाइज करें। इनके अलावा दो और चीजें खास हैं जो इंफेक्शन से बचने के लिए बड़ा हथियार हैं:
01: फेस शील्ड या वाइज़र (visor) पहनना शुरू करें। यह आपको इंफेक्शन से सबसे सही तरीके से बचाती है। शुरुआत में यह आपको अटपटा लग सकता है लेकिन समय के साथ हमें इसके साथ जीना सीखना होगा। दरअसल यह इंफेक्शन की आशंकाओं को बेहद कम कर देती है इसलिए बड़े काम की चीज है।
नोट: ऐसी वाइजर खरीदें जो बाएं कान के छेद से दाएं कान के छेद तक को कवर करती हो।
02: बाइकर्स अक्सर विंडचीटर का यूज करते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करना है तो यह चीज आपके लिए बड़े काम की है। यह आपकी कमीज को वायरस से बचाएगा और आप बिना इंफेक्शन की चिंता किए लंबे समय तक सफर या ऑफिस में काम कर पाएंगे। हां, याद रखें कि गंतव्य पर पहुंचकर विंडचीटर उतारकर धूप में डाल देना है या सैनिटाइज करके रखना है।
नोट: सफर के दौरान संयमित होने की जरूरत होगी। ऐसे लोग मिलेंगे, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे होंगे। उन्हें इसके लिए टोक सकते हैं लेकिन बहसबाजी में बिलकुल न पड़ें।
फिटनेस और फूड
🠊 रोजाना कम-से-कम 10,000 कदम चलें। लगातार मुमकिन नहीं हो तो 15-15 मिनट 3 बार वॉक कर लें। आपने 10 हजार कदम चले या नहीं, इस पर निगाह रखने के लिए अपने मोबाइल में स्टेप ट्रैकर ऐप डाउनलोड कर लें। एंड्रॉयड और iOS के लिए ऐसे कुछ ऐप्स हैं: Google Fit, Step Counter, Pedometer, Runtastic Steps, Fitbit, Runkeeper आदि।
🠊 सुबह में पार्क में टहलने न जाएं। जब कोई न हो या बहुत दूर-दूर लोग हों तो पार्क जा सकते हैं। बेहतर है, आप घर की बालकनी या छत पर वॉक करें।
🠊 एरोबिक्स के लिए डांस या ज़ुंबा कर सकते हैं। डांस करने से मन खुश होता है और वजन भी कम होता है।
🠊 अपनी शुगर को रेग्युलर चेक करें। रेग्युलर का मतलब है जैसा डॉक्टर ने बताया है, मसलन रोजाना या हफ्ते में। इस नियम को जरूर फॉलो करें।
🠊 5 मिनट डीप ब्रीदिंग, 10 मिनट अनुलोम-विलोम और 5 मिनट शीतली प्राणायाम करें। शीतली प्राणायाम खासतौर पर मन को शांत रखता है और बीपी को मेंटेन करता है।
🠊 तनाव न लें। 15 मिनट के लिए मेडिटेशन करें।
🠊 अपना लोअर बीपी 80 से कम रखें और फास्टिंग शुगर 80 से कम।
🠊 रोजाना 8-10 गिलास पानी नियमित तौर पर पीने की आदत जरूर डालें। पानी शरीर से गंदगी निकालता है और पाचन को भी सही बनाए रखता है।
🠊 चना, ऑरेंज, ऐपल, तरबूज, सलाद, टोंड दूध या बिना क्रीम वाली दही जैसी चीजों को ज्यादा लें।
🠊 हर दिन 100 से 200 ग्राम हरी सब्जी, 300 से 400 ग्राम सलाद, 150 से 200 ग्राम मौसमी फल और 20 से 25 ग्राम सूखे मेवे ले सकते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाएं: कोरोना वायरस के इन्फेक्शन से बचाव का अहम तरीका है अपने शरीर की इम्यूनिटी में कमी न होने देना। यदि शरीर की इम्यूनिटी पर्याप्त मजबूत होगी तो वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी आपको बीमारी नहीं बना पाएगा या फिर आप आसानी से उससे लड़ पाएंगे। हेवी डायट, ज्यादा तेल-घी वाला खाना, ज्यादा ठंडे, खट्टे और मीठे पदार्थों का सेवन शरीर को बीमार बनाता है। 0.2 ग्राम नेचरल विटामिन-सी हर दिन जरूरी है हमारे शरीर के लिए। इसके लिए रोज 4 टमाटर (200 ग्राम) या 1 अमरूद (150-200 ग्राम) या 2 संतरे (150 से 200 ग्राम) पर्याप्त हैं।
आयुर्वेद से इम्यूनिटी: तुलसी (3 से 4 पत्ते), अदरक (एक छोटा टुकड़ा), लौंग (5 से 7), दालचीनी (छोटा टुकड़ा), काली मिर्च (5 से 7) के अलावा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सौंठ, वसाका, गिलोय व छोटी पिपली को 5 से 7 कप दूध वाली चाय या पानी में उबालकर दिन में 2 से 3 बार पीने से इम्यूनिटी में वृद्धि होती है। सौंठ, काली मिर्च व पिप्पली की गोली त्रिकटु के नाम से बाजार में है। अभी गर्मी के मौसम में इसका प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए। अभी 2-3 ग्राम एक गिलास दूध में उबाल लें, चीनी या शक्कर के बदले गुड़ मिला सकते हैं। दिन में एक ही बार लेना काफी है।
🠊 एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी का पाउडर मिलाकर पी लें।
🠊 अदरक या मुलेठी वाली चाय ले सकते हैं। एक कप चाय के लिए एक ग्राम मुलेठी उपयोग कर सकते हैं। चाहें तो दूध वाली चाय में भी मुलेठी डाल सकते हैं।
🠊 अच्छी नींद लें, पौष्टिक खानपान लें और चिंता से दूरी रखें, इससे इम्यूनिटी बढ़ेगा।
🠊 गर्म मौसम के बावजूद फ्रिज का पानी नहीं पिएं। गुनगुने पानी का सेवन करें।
🠊 1 लीटर पानी में 1 चम्मच धनिया डालें और पानी को उबाल लें। धनिया नहीं है तो जीरा भी चलेगा। इस पानी को गुनगुना ही पूरे दिन पीते रहें।
🠊 फ्रिज से निकालकर सीधे किसी चीज का सेवन नहीं करें। थोड़ा नॉर्मल होने दें, फिर यूज करें।
🠊 एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक और दो चुटकी हल्दी पाउडर डालें और दिन में दो बार गरारे करें।
🠊 खाने में हर दिन 1 चम्मच घी जरूर लें।
🠊 गिलोय और आंवला का प्रतिदिन सेवन करते रहें। ये इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
गिलोय काढ़ा बनाएं: तीन-चार इंच का गिलोय का टुकड़ा लें। छिलका हटा दें। अंदर के पार्ट के दो टुकड़े करके दो गिलास पानी में खुले बर्तन में धीमी आंच पर उबाल लें। इसे आधा गिलास होने तक उबालें और थोड़ा ठंडा होने के बाद छानकर पी लें। बड़ों को एक गिलास और बच्चों को आधा गिलास पीना चाहिए।
आंवला बनाए मजबूत: आंवले का चूर्ण अभी मार्केट में मिल जाएगा। आधा चम्मच चूर्ण एक गिलास पानी में मिलाकर पी लें। इम्यूनिटी बढ़ेगी।
नजर और नजरिया बदलें
यह दुनिया अब वह नहीं रह गई, जो कोरोना से पहले थी। बेशक ये सामान्य-से दिन नहीं हैं। ऐसे में हमें अपनी सोच और ऐक्शन के तरीके बदलने की जरूरत है।
🠊 हमेशा याद रखें कि जितना तेज विनाश होता है, उसके बाद विकास भी उतना ही तेज होता है।
🠊 आज में जीना सीखें, बहुत दूर की न सोचें।
🠊 जब हर तरफ नेगेटिविटी पसरी हो तो हम पॉजिटिव रहकर ही नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं।
🠊 बुरी परिस्थितियों में भी उम्मीद न खोएं।
🠊 हर समस्या का समाधान नहीं हो सकता। ऐसे में अगर कोई समस्या हल नहीं हो रही तो उसे पकड़ कर न बैठें। जिंदगी चलते रहने का नाम है। एक रास्ता बंद हो जाए तो दूसरा रास्ता पकड़ें।
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