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आदिवासियों की मदद के लिए पालघर का स्कूल बना कोविड देखभाल केंद्र

श्रमजीवी संगठन के करीब 100 प्रशिक्षित स्वंयसेवी चार जिलों में ठाणे, पालघर, रायगढ़ और नासिक में कोरोना वायरस के मरीजों की मदद कर रहा है और लोगों को टीकाकरण के महत्त्व के बारे में समझा रहे है|

पालघर: महाराष्ट्र के मुख्य रूप से जनजातीय जिले पालघर में एक निजी स्कूल को 100 बेड वाले कोविड देखभाल केंद्र में तब्दील कर दिया गया है| जिलाधिकारी डॉ. मानिक गुरसाल, पालघर जिला परिषद स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दयानंद सूर्यवंशी और अन्य अधिकारियों ने एकलव्य गुरुकुल स्कूल में स्थापित किए गए इस केंद्र का दौरा किया| यह स्कूल गणेशपुरी के पास उसगांव में स्थित है|आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन, श्रमजीवी संगठन के संस्थापक विवेक पंडित ने इस संबंध में पहल की है| पंडित ने संवाददाताओं को बताया कि जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है, हमने सोचा कि हमें समाज के लिए कुछ करना चाहिए| उन्होंने यह भी बताया कि 'यह प्रशासन की मदद करने का हमारा तरीका है| 100 बिस्तरों वाला यह केंद्र स्थानीय आदिवासी निवासियों की मदद करेगा|

पिछले एक हफ्ते से संगठन के करीब 100 प्रशिक्षित स्वंयसेवी चार जिलों- ठाणे, पालघर, रायगढ़ और नासिक में कोरोना वायरस के मरीजों की मदद कर रहा है और लोगों को टीकाकरण के महत्त्व के बारे में समझा रहा है|पालघर जिले में भी कोरोना वायरस का कहर जारी है| यहां कोविड-19 के मामले 85,661 हो गए हैं जबकि मृतक संख्या 1,562 हो गई है|

महाराष्ट्र में कोरोना के हाल: कोरोना वायरस महामारी से महाराष्ट्र देश का सर्वाधिक प्रभावित राज्य है| एक्टिव मामलों से लेकर रोज मिल रहे मरीजों के आंकड़े देश के किसी भी अन्य राज्य से यहां ज्यादा हैं| महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस के 46 लाख 2 हजार 472 मरीज मिल चुके हैं| इनमें से 68 हजार 813 की मौत हो गई है| राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 6 लाख 62 हजार 640 है| ये आंकड़े www.covid19india.org/ से लिए गए हैं|

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