Post Page Advertisement [Top]


रेलवे में लगातार होते हादसों और मेंटेनेंस को सही तरीके से करने के लिए रेल मंत्रालय बड़े स्तर पर बदलाव करने का मन बना चुका है। इंडियन रेलवे पूरे देश की ट्रेनों के टाइम टेबल को बदलने जा रहा है। नॉर्दर्न रेलवे के डीजीपीआरओ नीरज शर्मा ने  कहा, "ये फैसला पहले 1 अक्टूबर को होने वाला था, लेकिन किन्हीं कारणों से इसे आगे बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर की डेट पर फाइनल किया गया है।" 13 हजार पैसेजर्स ट्रेनें और 7 हजार मालगाड़ियों की बदल जाएगी टाइमिंग...


- इसके अलावा देश में चलने वाली करीब 30 राजधानी ट्रेनों की टाइमिंग भी बदल जाएगी, जो दिल्ली को देश के राज्यों की राजधानियों से जोड़ती हैं।
- जानकारी के अनुसार, पूरे देश में लगभग 7 हजार मालगाड़ियां चलती हैं। उनकी टाइमिंग भी बदल जाएगी।

जर्जर ट्रैक को देखते हुए कई मुख्य गाड़ियों के बदले जाएंगे रूट
- रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ से खास निर्देश के बाद रेल मंत्रालय ने इस पहल पर काम करना शुरू किया है। रेलवे के इस फैसले में सिर्फ ट्रेनों की टाइमिंग ही नहीं, बल्कि उसके कई रूटों में बदलाव भी होगा।
- जो रूट जर्जर हैं, पटरियों पर स्पीड लिमिट हैं या राजधानी जैसी गाड़ियों को भी काॅशन लगाकर निकाला जाता है। ऐसे रूट पर चलने वाली ट्रेनों का रूट बदला किया जाएगा। ताक‍ि मुख्य मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों को राइट टाइम किया जा सके और राजधानी और सुपर फास्ट ट्रेनों को लेट होने से बचाया जा सकेगा।
- इसके अलावा टाइमिंग को ऐसे बदला जाएगा, ताक‍ि हर ट्रैक पर कम से कम 3 से 4 घंटे काम करने का समय मिल सके और गाड़ियां भी लेट न हों।

40% रेलवे ट्रैक आउट डेटेड
 रेलवे के रिटायर्ड अधिकारियों ने  बताया कि, रेलवे में भारी संख्या में वर्कर्स की कमी है। वहीं, आउट डेटेड मटेरियल से काम चलाया जा रहा है, जिस वजह से ये हादसे हो रहे हैं।
- रेलवे के रिटायर्ड अफसर और नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन (एनआरएमयू) के प्रेसिडेंट एसके त्यागी ने बताया कि, ''रेल हादसों का सबसे बड़ा कारण ये है कि हमारे 40 प्रतिशत ट्रैक आउट डेटेड हैं। इसके अलावा कई रूट ऐसे हैं जिनके ट्रैक अक्सर खराब रहते हैं। इन ट्रैक्स को मेंटेन कराकर चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं ट्रैक को सुबह और शाम जांच का नियम है। लेकिन मैन पावर की कमी की वजह से ये जांच भी नहीं हो पा रही। ऐसे में हादसे तो होंगे ही।''
- ''ये बातें सारे अधिकारी जानते हैं, फिर चाहे वो मैनेजमेंट हो या निचले स्तर पर काम कर रहे डीआरएम या अन्य कर्मी। कोई पॉलिसी भी बनती है तो वो फाइल इतनी जगह से घूमती है कि दोबारा मिलती ही नहीं। बस कागजों पर सारी चीजें दी जा रही हैं।''

UP में हुए बड़े रेल हादसे
1) 19 अगस्त 2017: खतौली रेलवे स्टेशन के पास पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। 22 की मौत।
2) 20 फरवरी 2017: टुंडला में कालिन्दी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे। 23 की मौत।
3) 20 नवंबर 2016: कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा। 121 लोगों की मौत।
4) 20 मार्च 2015: रायबरेली के बछरावां के पास देहरादून-वाराणसी एक्सप्रेस हादसा। 32 की मौत।
5) 1 अक्टूबर 2014: गोरखपुर में क्रॉसिंग पर दो ट्रेनों की आमने-सामने टक्कर। 14 की मौत।

No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Bottom Ad [Post Page]