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1) ऐसे कम कर सकते हैं पेट्रोल-डीजल की खपत

पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में आप भी जरूर गाड़ी की ऐवरेज को लेकर चिंतित होंगे। कुछ गाड़ियों में ईंधन की खपत कम होती है तो कुछ में दूसरों से ज्यादा, फिर चाहे गाड़ी और उसका मॉडल एक जैसा ही क्यों न हो! गाड़ी की एवरेज का घटना-बढ़ना आपकी ड्राइविंग के तरीके और गाड़ी के रखरखाव पर भी निर्भर करता है।




2) टायरों में सही हवा

ईंधन की खपत में टायरों की हवा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। टायरों में उतनी हवा बनाए रखनी चाहिए जितनी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा बताई गई हो। अगर आप अपनी कार में अक्सर लोड ले जाते हैं तो पिछले टायरों में अगले टायरों के मुकाबले 2 से 3 पॉइंट हवा ज्यादा रखनी चाहिए। हां, सिंगल ड्राइविंग में चारों टायरों में बराबर मात्रा रख सकते हैं।




3) इंजन की ट्यूनिंग

हर 5 हजार किलोमीटर या जब भी गाड़ी आपको परेशान करने लगे तो गाड़ी के इंजन की ट्यूनिंग करा लेनी चाहिए। ट्यूनिंग के दौरान स्पार्क प्लग, आरपीएम, लीड्स या तारों, इंजेक्टर्स, एयर व फ्यूल फिल्टर्स और कारबोरेटर वाली पुरानी गाड़ियों में रेस की सैटिंग आदि की जाती है।



4) काबू में प्रदूषण

ईंधन की खपत को नियंत्रण में रखने के लिए गाड़ी प्रदूषण को लेकर सचेत रहें। प्रदूषण कम करने के लिए कार्बन मोनोक्साइड व हाइड्रोकार्बन लेवल नियंत्रण में करना होता है। अगर गाड़ी धुआं ज्यादा देने लगे, एवरेज कम हो जाए और ईंधन की खपत बढ़ जाए तो समझ जाइए कि प्रदूषण का लेवल अनियंत्रित हो रहा है।




5)सही गियरों का इस्तेमाल

ड्राइविंग के वक्त गियरों का सही इस्तेमाल भी ईंधन की खपत को कंट्रोल करता है। ड्राइविंग करते वक्त आमतौर पर 45 से 50 की स्पीड पर आते ही टॉप गियर में ही गाड़ी चलाने की आदत डालें। इतनी स्पीड में गाड़ी के आ जाने पर भी नीचे वाले गियरों में गाड़ी चलाते रहने से ईंधन ज्यादा खर्च होता है। फिर ऐसे में न तो गाड़ी ठीक से स्पीड पकड़ पाती है और न ही स्मूद चाल में चल पाती है। टॉप गियर में गाड़ी चलाने पर एवरेज बढ़ती है और ईंधन की खपत कम हो जाती है। दरअसल, होता यह है कि टॉप गियर में गाड़ी चलाने से जितनी पावर इंजन में बनती है, उसका पूरा का पूरा इस्तेमाल हो जाता है जिससे पूरी पावर मिलने से टायर्स ज्यादा घूमते हैं और कम ईंधन में ही गाड़ी के ज्यादा चलने से एवरेज बढ़ जाती है।



6)  क्लच फालतू न दबाएं
ड्राइविंग के वक्त क्लच-पैडल पर लगातार पांव ना बनाए रखें। सिर्फ गियर बदलते वक्त ही क्लच के पैडल को दबाएं। लगातार पैडल पर पांव रखे रहने से एक तो क्लच प्लेट्स ज्यादा जल्दी घिस जाती हैं, फिर क्लच के दबे रहने से पहियों को पूरी पावर नहीं मिल पाती। इससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है और जाहिर है इससे एवरेज भी कम हो जाती है।



7) इंजन करें बंद

शहरों में तकरीबन हर किलोमीटर पर रेड लाइट्स मिल जाती हैं और वहां जाम लगना भी आम है। अगर आपको ज्यादा समय तक रेड लाइट्स पर गाड़ी रोकनी पड़े तो इंजन बंद कर दें। इससे ईंधन की खपत कम होने से गाड़ी की एवरेज बढ़ जाती है।


8) हाइवे पर टॉप गियर

हाइवे पर गाड़ी चलाते समय कोशिश करें कि 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से टॉप गियर में ही गाड़ी चलाएं। इससे शहरी इलाकों में गाड़ी चलाने के मुकाबले आपको 25 से 30 प्रतिशत ज्यादा एवरेज मिलेगी और ईंधन की भी बचत होगी।



9) RPM कंट्रोल

आजकल ऐसी गाड़ियां भी आती हैं जिनमें डैशबोर्ड पर आरपीएम मीटर लगे होते हैं। यह बड़े काम की चीज है। ड्राइविंग के वक्त कोशिश करें कि गाड़ी का आरपीएम लेवल 1500 से 2500 के बीच बना रहे क्योंकि आरपीएम लेवल बढ़ने पर ईंधन की खपत बढ़ जाती है। कम स्पीड पर भी अगर आप ज्यादा एक्सीलेटर दे रहे हैं तो आरपीएम बढ़ेगा। यहां जरूरी बात यह है कि अगर गाड़ी स्मूद चल रही है तो स्पीड बढ़ने पर भी आरपीएम ज्यादा नहीं बढ़ेगा। इसीलिए कहा जाता है कि जैसे ही मौका और अनुकूल स्पीड बने गाड़ी को टॉप गियर में ही चलाने की आदत डालें।

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