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वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ सुशील मोदी। |
बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटीकाउंसिल के सदस्य सुशील मोदी ने जीएसटी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुशील मोदी ने कहा है कि जीएसटी के तहत टॉप स्लैब यानी 28 फीसदी टैक्स के दायरे में आने वाली 80 फीसदी चीजों पर टैक्स घटाया जाएगा। सुशील मोदी के मुताबिक इन्हें 18 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में लाया जाएगा। गौरतलब है कि जीएसटी को लेकर व्यापारी वर्ग परेशान है और खासकर गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी इसपर घिरी नजर आ रही है।
जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में कुल 227 आइटम आते हैं। सुशील मोदी ने कहा है कि कल से शुरू हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसमें से 80 फीसदी आइटम्स पर टैक्स घटाकर उन्हें 18 फीसदी के दायरे में लाया जाएगा। इसके अलावा जीएसटी फिटमेंट काउंसिल ने कई सामानों को 18 फीसदी से 12 फीसदी वाले स्लैब में लाने की भी सिफारिश की है। सुशील मोदी ने बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ये बातें कहीं हैं।
केंद्र सरकार का यह फैसला देश के कारोबारी तबके के अलावा उपभोक्ताओं के लिए भी बड़ी राहत लेकर आ सकता है। सुशील मोदी ने कहा कि अबतक 100 से अधिक आइटमों पर टैक्स रेट घटाया गया है। 9 और 10 नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है। सुशील मोदी इस कार्यक्रम में फूड, टेक्स्टाइल, कंज्यूमर गुड्स, रियल एस्टेट समेत अन्य क्षेत्रों के कारोबारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों से मुखातिब थे।
सुशील मोदी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि बिहार में सितंबर महीने में जीएसटी रिटर्न 58 फीसदी से गिरकर 46.4 फीसदी पर आ गया। बिहार के डेप्युटी सीएम ने कहा कि इसपर एक सर्वे करने का निर्देश दे दिया गया है ताकि यह पता चल सके कि कारोबारियों को कहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि नोटबंदी की ही तरह जीएसटी भी एक स्वच्छ, पारदर्शी और ईमानदार अर्थव्यवस्था हासिल करने के उद्देश्य से लाई गई है।
सुशील मोदी ने दावा किया कि इस नई टैक्स व्यवस्था से आम आदमी को कोई समस्या नहीं है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इसकी जटिल प्रक्रियाओं को लेकर जरूर लोग चिंतित हैं। सुशील मोदी ने कहा कि कारोबारियों की नई पीढ़ी तेजी से डिजिटाइजेशन को अपना रही है। उनके मुताबिक कारोबारी भी अब कच्चा बिल सिस्टम के इतर नए तरीके से कारोबार करना चाहते हैं।
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