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बुजुर्ग मां को बेसहारा छोड़ने वाले बेटों के खिलाफ मेंटेनेंस ट्रिब्यूनल ने अहम फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल ने एक बेटे को हर माह अपनी मां को दस हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। यह पैसे बेटे की सैलरी से कट जाएंगे। यह पहला केस है, जिसमें जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने बुजुर्ग मां की तरफ से केस लड़ा था। इस मामले में ट्रिब्यूनल ने यह फैसला सुनाया है।
जानकारी के मुताबिक, फेज-एक की एक बुजुर्ग महिला बलजीत को उनके बेटों ने घर से निकाल दिया था। इसके बाद महिला गुरुद्वारे में रहकर अपना जीवनयापन कर रही थी। इसी बीच यह मामला जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के संज्ञान में आया। इसके बाद संस्था के वालंटियरों ने महिला को इलाज के लिए पहले फेज-छह स्थित अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद महिला को सेक्टर-66 पहुंचाया गया था।

महिला के दो बेटे हैं। जिनमें से एक पंजाब के सरकारी विभाग में एसडीओ के पद पर था। जबकि दूसरा विदेश में बसा हुआ था। लेकिन दोनों ही मां को साथ रखने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद दोनों बेटों पर मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत फेज-एक के पुलिस थाने में सितंबर माह में केस दर्ज किया गया था।

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