Post Page Advertisement [Top]


भारत शक्तिशाली लेजर हथियार यानी डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (डीईडब्ल्यू) बनाने के एक कदम और करीब पहुंच गया है। रक्षा शोध संस्थान डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने हाल में एक सैन्य ट्रक पर लगे लेजर सिस्टम का सफल परीक्षण किया।

अब शोध संस्थान की योजना ज्यादा ताकतवर और रेंज वाले लेजर हथियार तैयार करने की है। दावा है कि डीईडब्ल्यू इतना ताकतवर होगा कि यह दुश्मन की मिसाइल, विमान और अत्याधुनिक हथियारों के बेस को जला देगा। सूत्रों के मुताबिक कल्याणी ग्रुप और रोल्स रॉयस जैसी निजी कंपनियां भी देश में डीईब्ल्यू विकसित करने की कोशिश कर रही हैं।

क्या है डीईडब्ल्यू
ये हथियार बेहतर संघनित इलेक्ट्रो मैगनेटिक ऊर्जा वाली बीम बनाते हैं। डीईब्ल्यू मुख्यत: दो तरह के होते हैं, उच्च शक्तिशाली लेजर और माइक्रोवेव। यह हथियार को जला देता है और मिसाइल, जहाज, यूएवी और युद्ध क्षेत्र में तैनात उपकरणों की सर्किट को भून देता है।

अगस्त में डीआरडीओ ने किया परीक्षण
यह सूचना उपलब्ध नहीं है कि भारत किस तरह का माइक्रोवेव हथियार बना रहा है। पर डीआरडीओ ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में अगस्त में ट्रक पर जिस हथियार का परीक्षण किया था, वह एक किलोवाट का था। इसने 250 मीटर दूर से निशाना लगाया और 36 सेकेंड में धातु की चादर में छेद कर दिया। अब अगले प्रयोग में एक किलोमीटर दूर से दो किलोवाट की बीम से निशाना लगाया जाएगा।

कई चुनौतियां
बीम बनाने वाली मशीन जर्मनी से आयात की गई है। फायर के बाद सिस्टम गर्म हो जा रहा है, जिसकी कूलिंग के लिए तकनीक तैयार करनी होगा। बीम लक्ष्य पर रखना भी बड़ी चुनौती है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस हथियार को तैयार होने में कई साल लगेंगे। निजी कंपनियों के अधिकारी भी बताते हैं कि इसमें काफी वक्त लगेगा।

भविष्य का हथियार
डीईब्ल्यू दुश्मन के हथियारों की इलेक्ट्रॉनिक सर्किट जला देता है। इसकी बीम प्रकाश की रफ्तार के बराबर चलती है और इसके लिए मैग्जीन की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह ऊर्जा स्रोत से चलती है। यह बीम अदृश्य होती हैं और हमलावर को चकमा देती हैं। पर खराब वायुमंडल बीम पर असर डाल सकता है।

No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Bottom Ad [Post Page]