{रानी के रमणिया गांव में 3 साल पहले विहार के दौरान आचार्य भाग्यपूर्ण को किसी सुनील नाम के व्यक्ति ने देख लेने की धमकी दी थी। यह खुलासा अस्पताल में भर्ती जैन मुनि भाग्यपूर्ण ने किया। उनका कहना था कि किसी ने किराए के गुंडों को सुपारी देकर उनका अपहरण करवाया। इस पहलू की भी तसदीक की जा रही हैं।
{केनपुरा जैन मंदिर से मुनि को अपहरण कर ले जाने के बाद करीब दो घंटे तक आरोपी गाड़ी में उसे घुमाते रहे। फिर 40 किमी दूर रामाजी का गुड़ा के पास पटक दिया। बदमाशों ने रामाजी का गुड़ा गांव को ही क्यों चुना। यानि वे उस इलाके से वाकिफ थे, हो सकता हैं बदमाश उसी इलाके के हो। पुलिस इलाके के संदिग्ध बदमाशों से पूछताछ कर उनकी लोकेशन का पता लगा रही हैं।
2. अपहरणकरने वाले बदमाशों ने रास्ते में किसी को फोन लगा कर कहा कि-आपका काम हो गया। अब इसका यानि मुनि का क्या करना हैं तो सामने वाले ने कहा उसे कहीं ले जाकर पटक दो। फिर कहा-उसे ज्यादा तो नहीं मारा। इससे माना जा रहा हैं कि जिसने रुपए देकर बदमाशों को मुनि के अपहरण कराया था। उस शख्स काे हिंसा पसंद नहीं हैं और वह मुनि से रंजिश तो रखता हैं। मगर उसे मुनि से मारपीट नहीं करने की चिंता सता रही थी।
1 . केनपुराके जैन मंदिर से मुनि आचार्य भाग्यपूर्ण सुरिश्वर और दूसरे मुनि भाग्य शेखर विजय महाराज के बीच कोई बात तो जरूर थी, जिससे दोनों के बीच काफी समय से बोलचाल बंद थी। इनके बीच जमीन की रजिस्ट्री कराने का भी विवाद हो सकता हैं। घटना के वक्त बदमाशों ने मुनि भाग्य शेखर से चाबी ली और जाते हुए उन्हें ही चाबी क्यों सौंपी। इसके अलावा और भी कई फैक्ट हैं, जिससे संदेह गहराया हुआ हैं।
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