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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के कमला मिल कंपाउंड में गुरुवार रात आग लगने से एक रेस्ट्रॉन्ट-बार में 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में सह मालिकों कृपेश सांघवी और जिगर सांघवी की गिरफ्त से बचने में मदद करने वाले तीन रिश्तेदारों पर पुलिस ने शिकंजा कस लिया है।

हालांकि, गिरफ्तार किए गए दो रिश्तेदारों को जमानत पर छोड़ दिया गया है। पुलिस ने दोनों की पहचान राकेश सांघवी और उनके भाई आदित्य के रूप में की है, जो कृपेश और जिगर के चचेरे भाई हैं।

पुलिस ने निकाला मालिकों से कनेक्शन 

पुलिस राकेश और आदित्य के पिता महेंद्र की भी तलाश कर रही है, जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि राकेश और आदित्य के फोन की लोकेशन उस स्थान पर पाई गई है जहां पर उनके चचेरे भाइयों ने अपना फोन स्विच ऑफ किया था।

परिवार को फंसाने का आरोप 

आदित्य ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पुलिस उन्हें और उनके परिवार को फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'हमारा उस पब से कोई संबंध नहीं है जो कि हमारे चचेरे भाइयों द्वारा संचालित किया जा रहा था। पुलिस अचानक हमारे फ्लैट में आकर मुझे और मेरे भाई को उठा ले गई। हमारे पिता कहां पर है हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हो सकता है पुलिस ने उन्हें भी उठा लिया हो।'

सीसीटीवी फुटेज का किया दावा 

एक अन्य रिश्तेदार ने दावा किया कि उनके पास साक्ष्य के तौर पर सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें साफ दिख रहा है कि आग की शुरुआत कहां से हुई है। उनके मुताबिक, 'यदि आदित्य और राकेश ने वाकई मदद की होती तो उन्हें कोर्ट से जमानत कैसे मिलती? यह दर्शा रहा है कि कैसे पुलिसकर्मी हमें उलझाने की कोशिश कर रहे हैं।'

हाल ही में आईपीसी की धारा 216 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत सात साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

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