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बाढ़ की समस्या से परेशान पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के साथ यह समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले 48 घंटों में भारी बारिश और बाढ़ ने त्रिपुरा और मणिपुर में 13 लोगों की जान ले ली है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। ट्रेन और बाकी सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।

त्रिपुरा में बृहस्पतिवार को तीन लोग बाढ़ के पानी में बह गए जबकि एक व्यक्ति की जान भूस्खलन में चली गई। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इससे पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने केंद्र से मदद मांगी थी। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक 40 हजार लोगों को 173 राहत शिविरों में भेजा गया है।

वहीं मणिपुर में एक बच्चे समेत दो लोग नदी के पानी में बुधवार को बह गए थे। वहां मरने वालों की संख्या अब कुल छह हो गई है। राहत और आपदा प्रबंधन निदेशालय की रिपोर्टों के मुताबिक मणिपुर में बाढ़ से 101 गांव और 1.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

असम और मिजोरम में भी बुरा हाल :
असम के सात जिलों में करीब चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ संबंधी घटनाओं के कारण तीन लोगों की जान जा चुकी है। वहीं मिजोरम के आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि बाढ़ की वजह से अब तक कम से कम 1066 परिवारों को निकाला जा चुका है। सबसे अधिक प्रभावित लुंगलेई जिला है जहां के 700 परिवार सुरक्षित स्थानों पर भेजे जा चुके हैं।

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