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रिजर्व बैंक ने कहा है कि 45 लाख रुपए तक के घर, जिस पर 35 लाख रुपए का होम लोन लिया गया है, को प्रायोरिटी सेक्‍टर लेंडिंग (PSL) की कैटेगिरी में शामिल किया जाएगा। RBI के इस निर्णय के बाद होम लोन सस्‍ता हो जाएगा, क्‍योंकि PSL लोन, मार्केट इंटरेस्‍ट रेट के मुकाबले सस्‍ते होते हैं।

मेट्रो शहर में 35 लाख और अन्‍य की लिमिट 25 लाख
RBI द्वारा मंगलवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अफोर्डेबल हाउसिंग स्‍कीम के साथ होम लोन के लिए PSL गाइडलाइंस का मिश्रण करने और लॉ कॉस्‍ट व EWS हाउसिंग को प्रमोट करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के मुताबिक, मेट्रो शहरों में 35 लाख रुपए और अन्‍य शहरों में 25 लाख रुपए तक के होम लोन को प्राइऑरटी सेक्‍टर लैंडिंग में शामिल किया गया है।

यह है शर्त
हालांकि इसकी एक शर्त भी है, जिसके मुताबिक मेट्रो शहरों (जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है) में घर की कीमत 45 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि इससे छोटे शहरों में घर की कीमत 30 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।

क्‍या है बदलाव
वर्तमान में, एक व्‍यक्ति को मेट्रो शहरों में 28 लाख रुपए और अन्‍य शहरों में 20 लाख रुपए तक के होम लोन को प्राइऑरटी सेक्‍टर लैंडिंग की कैटेगिरी में शामिल किया गया है। इसके मुताबिक, मेट्रो शहरों में घर की कीमत 35 लाख रुपए और छोटे शहरों में घर की कीमत 25 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।

6 जून को की थी घोषणा
RBI ने यह घोषणा 6 जून को अपने दूसरे बायो-मंथली मॉनिटरी पॉलिसी में की थी। अब इस संबंध में आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
इनकम लिमिट भी बढ़ाई
आरबीआई का नोटिफिकेशन में आगे कहा है कि EWS हाउसिंग प्रोजेक्‍ट के लिए होम लोन लेने वाली फैमिली की इनकम को 2 लाख रुपए से बढ़ा कर 3 लाख रुपए कर दिया गया है, जबकि LIG कैटेगिरी का होम लोन लेने वाले परिवार की सालाना इनकम 6 लाख रुपए कर दी गई है।

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