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दिल्ली/ गोडवाड ज्योति:
केंद्र सरकार बच्चों से होमवर्क का बोझ दूर करने की योजना बना रही है| अब जल्द ही पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को उनके स्कूल होमवर्क नहीं दे सकेंगे| केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार इस सिलसिले में संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाएगी| मद्रास हाईकोर्ट के 30 मई के एक अंतरिम आदेश के मद्देनजर जावड़ेकर की यह टिप्पणी आई है| कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं|

जावड़ेकर ने कहा कि उनका मानना है कि नीरस तरीके से नहीं सीखा जा सकता है| मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं| हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, हम करेंगे| केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुपालन में सरकार मॉनसून सत्र में ‘नो होमवर्क’ विधेयक लाएगी और इसके पारित हो जाने की उम्मीद है| अदालत ने इस बात का जिक्र किया था कि बच्चे ना तो भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) हैं ना ही बस्ते से लदे कंटेनर हैं| इसने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूली बस्ते का वजन बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए| उन्होंने कहा एनसीईआरटी का सेलेबस काफी मुश्किल है इसलिए सरकार ने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय किया है| उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारुप कैबिनेट के समक्ष इस महीने के अंत तक पेश किया जाएगा|




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