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भय्यू महाराज की खुदकुशी के मामले में रविवार को पुलिस ने चार लोगों के बयान लिए। पुणे आश्रम के खास सेवादार अनमोल चव्हाण ने बताया महाराज बेटी कुहू के लंदन में होने वाले बीबीए के एडमिशन और उसे वहां ठहराने की व्यवस्था को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित थे। इसीलिए वे बार-बार उन्हें फोन कर रहे थे। महाराज ने बेटी के 11 जून को लंदन जाने के टिकट को भी कैंसल करवाकर टिकट आगे बढ़वाने के लिए कहा था। बता दें कि 12 जून को ही बेटी कुहू के कमरे में भय्यू महाराज ने खुद को गोली मार ली थी।

पत्नी आयुषी और बेटी कुहू सहित 20 करीबी लोगों के बयान दर्ज
- मामले की जांच कर रहे सीएसपी मनोज रत्नाकर ने बताया आत्महत्या के एक दिन पहले जब भय्यू महाराज पुणे जाने के लिए निकले थे, तब अनमोल से उनकी फोन पर काफी लंबी बातचीत हुई थी।

- सीडीआर रिकॉर्ड के आधार पर अनमोल के बयान लिए तो उन्होंने बताया भय्यू महाराज ने उन्हें इसीलिए इतनी बार फोन किए क्योंकि वे बेटी कुहू के लंदन में होने वाले एडमिशन को लेकर काफी चिंतित थे। वे लंदन में कोचिंग संस्थानों की जानकारी लेने के साथ वहां वेस्टर्न एकेडमी से जुड़ी पूरी डिटेल लेना चाहते थे। एडमिशन की प्रोसेस और होस्टलों की जानकारी लेने के साथ ही लंदन जाने के पहले बेटी का वीजा बनवाने, उसका अच्छे हॉस्पिटल से मेडिकल टेस्ट करवाने और यूनिवर्सिटी से जुड़ी जानकारियां लेने के लिए भी कॉल कर रहे थे।

- पुलिस ने अब तक महाराज के परिवार में पत्नी आयुषी और बेटी कुहू सहित 20 करीबी लोगों के बयान ले लिए हैं। पुलिस को अब भी आत्महत्या का ठोस कारण पता नहीं चला है। अब तक मामले में कोई भी संदेही पुलिस की नजर में सीधे तौर पर सामने नहीं आया है।

पुणे में महाराज के टेक्निकल काम देखता था अनमोल
- अनमोल साल 2001 में पुणे के गणेश कला क्रीड़ा संस्थान में महाराज से मिले थे। 2004 व 2005 में पुणे स्थित आश्रम में महाराज के कम्प्यूटर प्रोजेक्ट, उनकी हेल्पलाइन, उनके कार्य और कार्यक्रमों की पीपीटी बनाने और टेक्निकल काम अनमोल ही संभालते थे।

- सूत्र बताते हैं अनमोल के संपर्क में महाराष्ट्र और पुणे के कुछ दबंग लोग जुड़े थे। इनमें से कुछ के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मिली है। पुलिस टीम पुणे पुलिस की मदद से उनकी पड़ताल करवा रही है।

गरीब बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर थे गुरुजी
सूर्योदय ट्रस्ट के सेवा कार्यों की जिम्मेदारी संभालने वाले संजय यादव ने पूछताछ में बताया जिन गांवों में पानी की किल्लत है, वहां महाराज के आदेश पर 60 तालाब खोदने का काम देख रहे हैं। महाराज गरीब बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर थे। उन्होंने पारदी समाज के 850 बच्चों के लिए खानगांव व शुजालपुर में शिक्षा की व्यवस्था की थी। उन्हें कभी नहीं लगा कि महाराज इतने गहरे तनाव में हैं।

पारिवारिक सेवक से भी तनाव का कभी जिक्र नहीं
लंबे समय से ट्रस्ट व आश्रम से जुड़े राजा बड़जात्या ने कहा वे महाराज के पारिवारिक सेवक रहे हैं। पेशे से एडवोकेट हैं। उन्हें भी महाराज ने किसी प्रकार के तनाव या चिंता की कोई बात नहीं कही थी। ट्रस्ट के क्लर्क अनिल परदेसी ने बताया वे 12 साल से महाराज से जुड़े हैं। 6 साल सेवा करने के बाद उन्हें महाराज ने क्लर्क की नौकरी देकर कर्मचारी के रूप में रख लिया था। वे लिपिक थे और महाराज के दस्तावेज और उनके कार्यों के प्रोजेक्ट व प्रेजेंटेशन की जानकारी रखते थे।

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