Post Page Advertisement [Top]

नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप से पीडीएफ फाइल के रूप में भेजे गए नोटिस को वैध माना है। अत: अब यदि प्रतिवादी नोटिस लेने से इंकार कर रहा है तो उसे व्हाट्सएप पर भी भेजा जा सकता है। यदि प्रतिवादी उस संदेश को पढ़ लेता है और व्हाट्सएप पर पढ़ा गया वाला नीला टिकमार्क दिखाई देता है तो इसे नोटिस की तामील माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पीडीएफ के रूप में तामील किए गए नोटिस को न केवल भेजा गया बल्कि प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने इसे खोलकर भी देखा। न्यायमूर्ति गौतम पटेल इस सप्ताह के शुरू में एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट्स सर्विसेव प्रा. लि. की क्रियान्वयन संबंधी एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।

कंपनी ने कहा कि प्रतिवादी एवं शहर निवासी रोहित जाधव नोटिस लेने से बच रहा है। कंपनी के अनुसार आठ जून को प्रतिवादी को कंपनी के एक अधिकृत अधिकारी ने नोटिस तामिल किया था। यह नोटिस व्हाट्स एप के जरिए पीडीएफ प्रारूप में भेजा गया और एक संदेश के जरिए उसे सुनवाई की अगली तारीख के बारे में बताया गया। कंपनी ने क्रियान्वयन याचिका के साथ हाईकोर्ट की शरण ली क्योंकि जाधव ने उसके कॉल उठाने बंद कर दिए। साथ ही उसके अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पटेल ने अपने आदेश में कहा कि नागरिक प्रक्रिया संहिता के आदेश 11 नियम 22 के तहत नोटिस तामिल करने के मकसद से मैं इसे स्वीकार करूंगा। मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्योंकि आइकन संकेतक (व्हाट्सएप) यह स्पष्ट दिखा रहे हैं कि प्रतिवादियों के नंबर पर संदेश और उसका संलग्नक न केवल भेजा गया है बल्कि दोनों को खोला भी गया। अदालत ने कंपनी से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक प्रतिवादी का आवासीय पता पेश करे ताकि यदि आवश्यकता पड़े तो उसके खिलाफ वारंट जारी किया जा सके।



No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Bottom Ad [Post Page]