गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के नेतृत्व में गठित टीम ने नकली नोटों के मामले को खंगाल रही थी। गत 26 जून को नकली नोट के मामले में सादडी से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पुलिस ने सो रुपए के 80 नोट बरामद किए थे। उस दौरान पुलिस ने सादडी निवासी दिनेश कुमार और लतीफ को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ करने पर रविशंकर का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की तो उसकी निशानदेही पर 24 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। सादडी निवासी रविशंकर ने पूछताछ में बताया कि उसने जोधपुर निवासी दिनेश राव से नकली नोट मिले थे। बादमें पुसिल ने दिनेश राव को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 4 लाख 68 हजार रुपए के दो हजार और 100 रुपए के नकली नोट बरामद किए। दिनेश से पूछताछ की गई तो मुख्य आरोपी लूणी क्षेत्र के धांधिया गांव का रहने वाला जयपालसिंह का नाम सामने आया। दिनेश ने बताया कि वो और जयपालसिंह राजपूत मिलकर नोट छापते थे और लोगों को नकली नोट चलाने के लिए देते थे। इस पर पुलिस ने धांधिया गांव में दबीश देकर जयपालङ्क्षसह को गिरफ्तार किया और उसके घर के बाड़े में चारे में छिपाए बैग से 29 लाख 27 हजार 100 रुपए नकली नोट बरामद किए। बाद में पुलिस ने जयपालसिंह और दिनेश राव से पूछताछ की तो सामने आया कि जालोर शहर में सरावास स्थित श्रीमाल कॉम्प्लेक्स किराए पर ले रखा था, जहां पर वे दोनों नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। पुलिस ने दिनेश राव से एक पेन ड्राइव भी बरामद भी की। जिसमें 2000, 500 और 100 रुपए के नकली नोट के स्केन कर सेवकर रखा हुआ था। साथ ही फ्लेट में नकली नोट छापने के लिए कलन प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन, लेमीनेटर मशीन समेत नोट छापने का सामान जब्त किया। इस कार्रवाई को पाली सदर थाना पुलिस प्रभारी सवाईसिंह और उनकी टीम ने अंजाम दिया। पुलिस ने 2000 रुपए 1422 और 100 रुपए के 5 हजार 831 नोट के 34 लाख 27 हजार 100 रुपए बरामद किए। वहीं आरोपियों ने नोटबंदी के दौरान उदयपुर में भी किराया लेकर नकली नोट छापने स्वीकार किया।
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गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के नेतृत्व में गठित टीम ने नकली नोटों के मामले को खंगाल रही थी। गत 26 जून को नकली नोट के मामले में सादडी से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पुलिस ने सो रुपए के 80 नोट बरामद किए थे। उस दौरान पुलिस ने सादडी निवासी दिनेश कुमार और लतीफ को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ करने पर रविशंकर का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की तो उसकी निशानदेही पर 24 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। सादडी निवासी रविशंकर ने पूछताछ में बताया कि उसने जोधपुर निवासी दिनेश राव से नकली नोट मिले थे। बादमें पुसिल ने दिनेश राव को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 4 लाख 68 हजार रुपए के दो हजार और 100 रुपए के नकली नोट बरामद किए। दिनेश से पूछताछ की गई तो मुख्य आरोपी लूणी क्षेत्र के धांधिया गांव का रहने वाला जयपालसिंह का नाम सामने आया। दिनेश ने बताया कि वो और जयपालसिंह राजपूत मिलकर नोट छापते थे और लोगों को नकली नोट चलाने के लिए देते थे। इस पर पुलिस ने धांधिया गांव में दबीश देकर जयपालङ्क्षसह को गिरफ्तार किया और उसके घर के बाड़े में चारे में छिपाए बैग से 29 लाख 27 हजार 100 रुपए नकली नोट बरामद किए। बाद में पुलिस ने जयपालसिंह और दिनेश राव से पूछताछ की तो सामने आया कि जालोर शहर में सरावास स्थित श्रीमाल कॉम्प्लेक्स किराए पर ले रखा था, जहां पर वे दोनों नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। पुलिस ने दिनेश राव से एक पेन ड्राइव भी बरामद भी की। जिसमें 2000, 500 और 100 रुपए के नकली नोट के स्केन कर सेवकर रखा हुआ था। साथ ही फ्लेट में नकली नोट छापने के लिए कलन प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन, लेमीनेटर मशीन समेत नोट छापने का सामान जब्त किया। इस कार्रवाई को पाली सदर थाना पुलिस प्रभारी सवाईसिंह और उनकी टीम ने अंजाम दिया। पुलिस ने 2000 रुपए 1422 और 100 रुपए के 5 हजार 831 नोट के 34 लाख 27 हजार 100 रुपए बरामद किए। वहीं आरोपियों ने नोटबंदी के दौरान उदयपुर में भी किराया लेकर नकली नोट छापने स्वीकार किया।
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