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पाली से सादड़ी चलने वाली निजी बस के ऑपरेटर आकड़ावास निवासी नरेंद्रसिंह कुंपावत की ईमानदारी की चर्चा आज शहर में जैसे एक मिसाल बन गई। चार दिन पहले कोई यात्री उसकी बस में एक पोलीथिन की थैली में दस तोला सोना-चांदी के जेवर और 60 हजार रुपए नकद भूल गया था। इस पर बस ऑपरेटर 4 दिन तक रूट के गांवों में इसकी सूचना देता रहा। 4 दिन बाद रविवार को जेवरात और नकदी बस में भूलने वाला परिवार पाली पहुंचा, जहां रामलीला मैदान में बस ऑपरेटर ने उनकी अमानत उनको लौटा दी। जानकारी के अनुसार बागड़िया निवासी किशोरसिंह पुत्र गिरधारीसिंह के परिवार के साथ 4 जुलाई को पाली से सादड़ी जाने वाली बस में बैठकर नाडोल जा रहे थे। इस दौरान बस से उतरते समय प्लास्टिक की थैली बस में ही भूल गए। थैली में 10 तोला चांदी-सोने के आभूषण व 60 हजार रुपए नकद थे। बस ऑपरेटर आकड़ावास निवासी नरेंद्रसिंह पुत्र भंवरसिंह कुंपावत ने पॉलीथिन की थैली की जानकारी मिलने पर उसके मालिक की तलाश शुरू कर दी। रविवार को किशोरसिंह सूचना मिलने पर पाली पहुंचा तथा बस ऑपरेटर नरेंद्रसिंह से थैली के बारे में पूछताछ की। पूरी जानकारी मिलने के बाद बस ऑपरेटर ने उसकी अमानत उसे लौटा दी।

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