बाड़मेर: पिछले दिनों आई सीजन की पहली बारिश ने बिजली विभाग एवं नगर परिषद की बारिश पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। विद्युत विभाग की लापरवाही की बानगी ये भी है कि खता किसी और कि सजा किसी और को । जी हां 28 जून को शमों की ढाणी के पास स्थित स्कूल के दो छात्रों के करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी जिसके बाद विभाग ने कार्यवाई करते हुए ग्रामीण कनिष्ठ अभियंता मेघराज सियोल एवं लाईन मैन सहित एक अन्य को चार्जशीट थमा दी।
जबकि खोज खबर पड़ताल में पाया गया कि क्षेत्र(जहां दुर्घटना हुई) वहां की विद्युत आपूर्ति सिटी प्रथम की और से की जाती है, लाईन भी सिटी प्रथम के अधीन है लेकिन वहां के उपभोक्ताओं की बिलिंग सहायक अभियंता ग्रामीण के अधीन आती है। विद्युत आपूर्ति नांद जीएसएस से होती है वो भी सिटी प्रथम के अंतर्गत है लेकिन विभागीय कार्यवाई की गाज ग्रामीण कनिष्ठ अभियंता पर गिरी।
हादसे का कारण
दूदाबेरी के पास शमों की ढाणी सोखरू में पिछले माह की 28 तारीख को दो चचेरे भाई स्कूल अध्ययन के लिए गए थे लेकिन वहां निकट गुजर रही 11केवी लाइन पोल की सपोर्ट के लिए लगाए तार में स्टे इंसुलेटर नहीं होने से विद्युत पोल पर लगी तार पोल इंसुलेटर से सरककर नीचे लोहे के स्टैंड पर लगी जिसके सम्पर्क में पोल सपोर्ट तार होने के कारण उसमे करंट दौड़ने लगा। स्कूली बच्चों के उसकी चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई थी।
नांद जीएसएस हाल ही में हुआ शुरू
सहायक अभियंता सिटी प्रथम के अधीन आने वाले नांद जीएसएस करीब पांच माह पूर्व ही शुरू हुआ है। ऐसे में वहां पर लगी विद्युतीय उपकरण सभी नए हैं फिर भी जमीनी अर्थ नहीं मानने के कारण करंट चालू रहा। नई मशीन से समय पर ऑटोमेटिक करंट रुक जाता तो सम्भवतः यह घटना नहीं हो पाती।
मुख्यमंत्री विद्युतीकरण से हुआ कार्य
शमों की ढाणी के पास हुए हादसे की लाईन मुख्यमंत्री विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 5 के ग्रुप में ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया था। ठेकेदार द्वारा स्टे इंसुलेटर नहीं लगाए जाने के कारण दो बच्चों को अकाल मौत के मुंह मे जाना पड़ा।
33 केवी लाईन में भी नहीं लगे हैं स्टे इंसुलेटर
कई नई लाइनों में ठेकेदार द्वारा स्टे इंसुलेटर नहीं लगाए गए हैं। यहां तक कि 33 केवी लाईन एवं 11 केवी लाईन में भी इसे नजर अंदाज किया गया है। नांद जीएसएस से दूदाबेरी तक 8 किमी लाईन खींची गई है जिसमें स्टे इंसुलेटर नहीं लगे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार लाईन का तकमीना कनिष्ठ अभियंता द्वारा बनाया जाता है जिसमें लगने वाली अनुमानित सामग्री का उल्लेख होता है कनिष्ठ अभियंता द्वारा तकमीना में स्टे इंसुलेटर का भी लिखा होता है लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा स्टे इंसुलेटर जारी नहीं किए जाते ऐसे में नई खींची हुई लाइनों में स्टे इंसुलेटर नहीं लगे हुए हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही ग्रामीणों के जीवन पर भारी साबित हो रही है।
….और यहां मिली चार्जशीट
शमों की ढाणी में हुई दो स्कूली छात्रों की विधुत लाईन के सपोर्ट तार की चपेट में आने से मौत के मामले में कलेक्टर के निर्देशानुसार हुई विभागीय जांच में कनिष्ठ अभियंता ग्रामीण मेघराज सियोल सहित दो अन्य को चार्जशीट थमाई गई है जबकि उक्त घटना क्षेत्र के केवल उपभोक्ता ही सहायक अभियंता कार्यालय बाड़मेर ग्रामीण के अधीन आते हैं जिनकी बिलिंग ग्रामीण में आती है, लेकिन लाईन एवं विद्युत आपूर्ति सहायक अभियंता शहर प्रथम के अधीन आती है।
सप्लाई चालू एवं बन्द कनिष्ठ अभियंता शहर के अधीन आती है जबकि विभाग द्वारा करवाई गई जांच में ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों को दोषी मानते हुए चार्जशीट दी गई है। खोज खबर पड़ताल में ग्रामीणों ने शहर के कनिष्ठ अभियंता को कॉल कर सप्लाई बंद करने की जानकारी दी थी। सप्लाई बंद कोई भी आम आदमी सम्बन्धित जीएसएस पर कॉल कर करवा सकता है लेकिन सप्लाई शुरू कनिष्ठ अभियंता की स्वीकृति पर दी जाती है।
पुरानी लाइनों में स्टे इंसुलेटर नहीं है जहाँ हम लगवा रहे हैं, नई सभी लाइनों में लगा रहे हैं।
मांगीलाल जाट, अधीक्षण अभियंता डिस्कॉम, बाड़मेर।
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