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*जो सोच नही सकते वो हो गया

15 साल की लड़की ने अपने पिता का कत्ल किया ।*
आप सभी को जय जिनेंद्र।🙏🙏
कई बार हम जो सपनों में भी नहीं सोच सकते हैं जिसके बारे में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, वैसे ही घटना हमको सुनने को मिलती है ।ऐसी घटना जिसको सुनने मात्र से आप पढ़ने वालों के और रोंगटे खड़े हो जाएंगे ।एक पिता जिसका नाम जयकुमार जैन है जो मूलतः राजस्थान के निवासी है अभी बेंगलुरु में कपड़े का व्यवसाय करते हैं और बहुत ही संपन्न है, खुद की दुकान खुद, का घर एक धार्मिक प्रवृत्ति के जयकुमार जैन का कत्ल हो जाता है जब मालूम पड़ता है कत्ल किसने किया तो सुनने मात्र से रोंगटे खड़े हो जाते हैं क़त्ल और किसी ने नहीं किया उनकी खुद की बेटी ने किया। बेटी का नाम इसलिए नहीं लिख सकते हैं क्योंकि वह माइनर है उसकी उम्र मात्र 15 साल है वह अपने एक मित्र जिसका नाम प्रवीण है वो 19 वर्षीय है उसके साथ मोबाइल पर बात करती रहती थी व्हाट्सएप करती रहती थी एवं अन्य गतिविधियों में लिप्त थी सुनने में तो यह भी आया कि वह लड़की ड्रग्स भी लेती थी। जब पिताजी को यह नागवार हुआ तो उन्होंने अपनी बेटी को डांटा और प्रवीण से नहीं मिलने की हिदायत दी। उस मात्र 15 साल की मासूम सी लगने वाली लड़की ने अपने पिताजी को दूध के अंदर सबसे पहले नींद की गोलियां मिला दी (उसकी मम्मी और भाई एक शादी में पांडिचेरी गई हुए थे) पिताजी छोड़कर आए उसके बाद बच्ची ने दूध में नींद की गोली मिली हुई अपने पिताजी को पिला दी पिता जी बेहोश हो गए। उसके बाद उसने अपने मित्र मात्र 19 साल के प्रवीण की मदद ली और चाकू से गर्दन की नस काट दी उस के बाद हाथ की कलाई भी काट दी उसके बाद भी जब देखा पिताजी की सांसे चल रही है तो बेडरूम से गद्दा लिया और पिताजी को बाथरूम में ले जाकर उस गद्दे पर रखकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी यह सोचकर की जब पूरा जल जाएंगे उसकी राख को मैं फ्लैश कर दूंगी परंतु धुआं उठा और पड़ोसियों ने धुआं उठता देखा तो शोर मचा दिया। वह लड़की भागी भागी आई और यह नाटक किया कि पिताजी ने गेट बंद कर लिया है परंतु जैसा कि हम को पता है पुलिस की सूझबूझ से कोई नहीं बच पाया है पुलिस ने लड़की को पकड़ लिया । उस बच्ची ने अपना गुनाह कबूल कर लिया एक 15 साल की बच्ची ने अपने 41 साल के पिताजी को जान से मार दिया। इतनी विभत्स्य घटना शायद मैंने मेरे जीवन काल में कभी नहीं सुनी थी ।एक खून ने अपने ही खून का कत्ल कर दिया और उसको जरा सी दया भावना नहीं आई जबकि हमारे धर्म में तो जीव मारना भी महापाप कहलाता है ।इस लड़की ने तो अपने जन्म दाता को ही मौत के घाट उतार दिया।
सबसे विचारणीय बिंदु यह है ऐसा क्यों हुआ ,सबसे प्रथम आज हमको हमारे बच्चों को इतनी आजादी नहीं देनी चाहिए आज अक्सर मैंने सुना है मां-बाप को बोलते हुए कि आजकल के जमाने में तो सभी करते हैं, आजकल की तो जमाने में सभी बच्चे ऐसा करते हैं वैसा करते है हमारे बच्चे ने क्या नया किया ,आजकल के जमाने में तो दूसरों को देखो आजकल का मॉडर्न जमाना है ,आजकल कौन नहीं करता है ,यह शब्द बोलकर मां बाप अपने बच्चों की सारी गलतियों को ढक देते हैं ।पहले के जमाने में जब कोई गलती करता था तो परिवार का सदस्य झापट मार देता था तो मां-बाप उस मारने वाले का सपोर्ट करते थे परंतु आज परिस्थितियां बदल गई है अगर आज आपने किसी के बच्चे को डांट दिया और उसके मां-बाप को पता लग गया तो मां-बाप यही बोलेंगे आप होते कौन हो मेरे बच्चे को डांटने वाले who are you । यही एक बड़ा कारण है कि बच्चे बिगड़ते जा रहे हैं। आज मेरा निवेदन माता पिता से है कि वह कुछ समय अपने बच्चों को भी दे । हर वक्त अपने काम धंधे में नहीं लगे रहे आज बच्चों के साथ बैठे बच्चों के साथ बात बात करें बच्चों के साथ पिकनिक पर जाएं बच्चों के साथ हंसी मजाक करें जिससे बच्चे अपने आप को अकेला महसूस नहीं करेंगे ।आज अक्सर देखने को मिलता है कि मां-बाप या तो किटी पार्टी में बिजी रहते हैं या कोई क्लब मे या अपने काम धंधे में बिजी रहते हैं अगर कहीं जाते भी हैं तो अपने दोस्तों को साथ ले जाते हैं। बच्चे और मां बाप के बीच संवाद नहीं हो पाता।आज आप को बच्चो के साथ संवाद करना बहुत जरूरी है ।
दूसरी बात बच्चों की शादी पहले सही उम्र में हो जाती थी 22 से 25 साल के बीच लड़की की शादी कर देनी चाहिए आप बच्ची को बेशक पढ़ाएं डिग्री दिलवाए , उसको कोई कोर्स करवाए वह नौकरी करें नहीं करें व उसके पति जाने ।परंतु बच्ची की शादी सही उम्र में कर देंगे तो भविष्य में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि उस वक्त वह कच्ची मिट्टी रहती है उस बच्ची को जैसे डालोगे वह ढल जाएगी 30 से 35 उम्र के बीच में शादी करोगे तो वह मिट्टी पक चुकी है और वह ढलेगी ही नहीं वे टूट जाएगी। रिश्ते टूट जाएंगे आज यह बहुत विचारणीय प्रश्न है कि अभिभावकों को लड़के और लड़की की शादी एक सीमित उम्र तक शादी कर देनी चाहिए। आज मेरी नजर में बच्चों को हम जो छूट दे रहे हैं वह भी गलत है पहले एक जमाना था पिताजी की आंख से बच्चे डरते थे परंतु आज जमाना आ गया है वह मुंह पर ही जवाब दे देते हैं। कहीं ना कहीं यहां पर परिवार के संस्कार भी छलकते हैं बच्चों को संस्कार देने की बहुत जरूरत है,बच्चो को सही गलत का ज्ञान करवाना चाईये। बच्चो को धर्म का ज्ञान, संस्कारो का ज्ञान,अच्छे बुरे का ज्ञान जरूर करवाना चाइये।
आज एक मासूम ने अपने पिताजी को मौत के घाट उतारा जो एक शर्मनाक घटना है ।
सब को इस ओर ध्यान देना होगा बच्चों के संस्कारों को बनाना होगा बच्चों के साथ समय व्यतीत करना होगा ।हर समय व्हाट्सएप फेसबुक या आपके दोस्त नहीं होने चाहिए परिवार के लिए समय जरूर होना चाहिए अंत मे
अश्रु भरी आंखों के साथ जय जिनेंद्र

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