
मुंबई। विख्यात जैन तीर्थ पालीताणा में विराट नव्वाणू यात्रा आराधना रविवार से शुरू होगी। इस आराधना यात्रा में मुंबई से भी सैकड़ों धर्मप्रेमी हिस्सा लेने पालीताणा पहुंचे हैं, जो सिद्धगिरिराज के नाम से पूजे जाने वाले शत्रुंजय पर्वतराज की कुल 108 बार चढ़ाई करके हर बार भगवान आदिनाथ के दर्शन करेंगे वापस लौटेंगे। जैन आचार्य यशोवर्म सुरीश्वर महाराज एवं आचार्य विजय प्रदीप चंद्र सुरीश्वर महाराज की निश्रा में सुमेरपुर निवासी श्रीमती शांताबाई केसरीमलजी जैन द्वारा आयोजित 'आदिनाथ से अनादिनाथ की ओर' नाम से प्रतिष्ठित इस विराट धार्मिक आयोजन में देश भर से मुंबई सहित राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, व दक्षिण भारत के विभिन्न स्थालों से बड़ी संख्या में जैन धर्मानुरागी हिस्सा लेने पहुंचे हैं। शनिवार को इस यात्रा का प्रवेश होगा एवं धार्मिक आराधना व तपस्या की शुरुआत 15 दिसंबर रविवार से शुरू हो रही है। पालीताणा में उपधान तप भी होने जा रहा है जिसकी शुरूआत 19 दिसंबर होगी एवं 7 फरवरी तक यह उपधान चलेगा। भारत भर से बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु नव्वाणू यात्रा आराधना व उपधान तप में सहभागी होकर धर्म की आराधना करेंगे। पालीताणा कानूनी रूप से विश्व का एकमात्र शाकाहारी शहर है, जहां पर्वतराज की तलहटी में स्थित सिद्धवड से यह यात्रा शुरू होगी। जैन धर्म में नव्वाणू यात्रा का महत्व बहुत बड़ा माना जाता है।
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