Post Page Advertisement [Top]

शांतिधाम पदयात्री तीर्थ मानपाडा में 25 वर्षीय अखंड पदयात्रा का समापन
थाने/गोडवाड ज्योति: विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए व जैन एकता का विशिष्ट आयोजन थाने तीर्थ से शांतिधाम पदयात्री तीर्थ मानपाडा पदयात्रा का कार्यक्रम, जो दादा गुरुदेव श्रीमद विजय राजेंद्रसूरिजीू म.सा. के दिव्याशीष व पुण्य सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद विजय जयंतसेनसूरिजीे के आशीर्वाद से दिनांक 01/01/ 1995 से श्री के. के. संघवी के संयोजन में प्रारंभ हुआ था, वह कोरोना महामारी की वजह से समापन किया गया।
 25 वर्ष अखंड चले इस कार्यक्रम में हजारों पदयात्रियों को अपने स्वास्थ्य लाभ के साथ भारत की सभी तीर्थों की यात्रा का लाभ मिला। इस कार्यक्रम में जैन धर्म के सभी संप्रदायों के साथ ही जैनेतर भी जुड़े। कार्यक्रम के दौरान कई पदयात्रियों ने आजीवन ब्रह्मचर्य, टीवी त्याग, रात्रि भोजन त्याग, हाॅटेल त्याग, गुटखा-सिगरेट आदि व्यसनों के त्याग का नियम लेकर कार्यक्रम की महत्ता बढ़ायी।
 25 वर्ष दरमियान शांतिधाम मानपाडा में 44 सिद्धि तप, 174 वर्षीतप, 55 श्रेणीक तप,  72 मासक्षमण, आदि तप आराधना के साथ ही 16 वर्ष तक चैत्र व आसोज मास की शाश्वती ओली का आयोजन भी हुआ।
कई यात्रियों ने यात्रा दरम्यान हुए जीवन के अनुभव सुनाए। कई आचार्य भगवन्तों व मुनिराजों ने पदयात्रा के इस कार्यक्रम की मुक्तकंठ से अनुमोदना की। पदयात्रा संयोजक श्री के.के. संघवी ने 25 वर्ष दौरान आयोजन में जुड़े सभी पदयात्रियों व सहयोगियों की भूरी-भूरी अनुमोदना की व आभार माना।

1291 अखंड गुरु आरती का समापन:
श्री के. के. संघवी के संयोजन में दिनांक 10/08/1995 से प्रति गुरुवार रात 9:15 बजे थाने परिसर एवं मुंबई उपनगरों में घर-घर में कलिकाल कल्पतरू दादा गुरुदेव  श्रीमद विजय राजेंद्रसूरिजी म.सा. की महाप्रभाविक 1291वीं आरती गुरु भक्ति के बाद कोरोना की वजह से समापन की गई।

No comments:

Post a Comment

Total Pageviews

Bottom Ad [Post Page]