सबको शिक्षा का संकल्प लेते हुए बोराणा दोशी परिवार द्वारा निर्मित सरस्वती मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न
बिजोवा/पाली: पाली जिले के रानी के निकटवर्ती बिजोवा कस्बे के मुख्य बाजार में मरुधर सेवा निकेतन के तत्वावधान में वीणावादिनी मां सरस्वती माता मंदिर प्रतिष्ठा का दो दिवसीय आयोजन जैन आचार्य प.पु. चिदानंद सुरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ दिनांक 09/12/20 बुधवार को संपन्न हुआ। इस शुभ प्रसंग पर लाभार्थी परिवार मातुश्री भीखीबाई हीराचंदजी बोराणा दोशी, देवराजजी, मीठालालजी, ताराचंदजी परिवार द्वारा पाटला पूजा, स्नात्रपूजा आदि आयोजन करवाये गये। मंदिर प्रतिष्ठा आचार्यश्री की निश्रा में विधिकारक मोतीलालजी कांकरिया ने पूजा एवं सभी धार्मिक आयोजन करवाये। इस प्रतिष्ठा अवसर पर आचार्यश्री चिदानंद म.सा. ने श्रीसंघ को संबोधित करते हुए मानव मन और मन की स्थिरता के विभिन्न अनुभवों को उदाहरणो से समझाते हुए श्रावक-श्राविकाओ को मन की महत्ता व उपयोगिता की जानकारी दी।
लाभार्थी परिवार के मिठालालजी बोराणा दोशी ने कहा कि विद्यावादिनी मां सरस्वती ज्ञान और चेतना का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे वेदों की जननी हैं। ज्ञान ही हमें हमारा हक दिलाता है और जीवन मे यह जानना बेहद जरूरी है कि ज्ञान का विवेक से इस्तेमाल ही समाज में मानव को विशिष्ट स्थान दिलाता है। ताराचंदजी बोराणा दोशी ने बताया कि जीवन मे विद्या बहुत आवश्यक है। मां सरस्वती की सकारात्मक सोच के होने से बिजोवा में इसकी आवश्यकता व उपयोगिता के मद्देनजर इस मंदिर के निर्माण का चयन किया है।
कोरोना काल मे सरकार द्वारा लागू सभी नियम व कायदों का पालन करते हुए इस प्रसंग पर मुंबई से आए प्रवासी फतेहचंद राणावत, अशोक मरलेचा, कान्तीलाल सुन्देशा, विमल सी राठौड़, विमल पुनमिया, बाबूलाल डी दोशी, किरण बोराणा, संजय बोराणा, नरेश जगावत, सुभाष जगावत, बिजोवा पार्श्व गौशाला के सचिव पारसमल गुंदेशा, ललित एम जगावत, श्री श्वेतांबर विसा ओसवाल जैन संघ के अध्यक्ष बसंतराज राणावत, सचिव महिपाल श्रीश्री माल, भूरमल चावटिया, तुलसी बेन, वक्तावरमल गुंगलिया, अरविंद राणावत, कमलेश रायसोनी, अरविंद शर्मा, शिल्पा मरलेचा, एकता संजय, यश्वी राठौड़, वीणा राठौड़, राज दोशी व कुमारी गीत दोशी तथा जैन समाज के स्थानीय सभी श्रावक-श्राविकाओ ने भाग लिया। यह जानकारी बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ के ब्रांड एंबेसडर डॉ. राजकमल पारीक द्वारा प्राप्त हुई।
No comments:
Post a Comment