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मुंबई: राजस्थान कहते ही बलिदान, शौर्य और अदम्य साहस के साथ ही याद आती है वहां की रंग-रंगीली संस्कृति और विविध परंपराओं की| भारत का अतुल्य राज्य कहे जाने वाले राजस्थान के कई रंग है और उसी संग को साकार करती है सतरंगी संस्था| सतरंगी अपने कार्यो और प्रयासों से सभी महिलाओं की एक सशक्त पहचान बना चुका हैं| इस राजस्थान दिवस पर सतरंगी ने अपनी संस्कृति और समृद्धता को सभी लोगों तक पहुँचाने के लिए ‘पधारो म्हारे देश’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 4 अप्रैल, रविवार को शाम 4 से 7 के दरम्यान किया है। राजस्थान दिवस महोत्सव 2021 समारोह पोस्टर का विमोचन श्रीमती मंजुजी लोढ़ा के कर कमलों द्वारा किया गया|
इस मौके पर मंजूजी ने राजस्थानी शौर्य से ओत-प्रोत कविता सुनाई और कहा कि जीवन के उल्लास और रंगीले रेगिस्तान के संगम की इस धरती के स्थापना दिवस के रूप में हर साल 30 मार्च के दिन राजस्थान दिवस महाउत्सव मनाया जाता है| यकीनन इस बार ये उत्सव कोरोना काल पर विजय के जश्न के रूप में होगा| मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है और मैं सभी से आग्रह करुँगी कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में जुड़े|  
सतरंगी समूह से जुड़े सदस्यों ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि देश ही नही बल्कि सम्पूर्ण विश्व पिछले 1 वर्ष से भी अधिक समय से कोरोना महामारी झेल रहा है| हालाँकि अब भारत में वैक्सीन आ गई है और सभी को राहत भी मिली है लेकिन अभी भी सावधानी और सतर्कता जरुरी है| हम राजस्थान दिवस के रूप में ‘पधारो म्हारे देश’ कार्यक्रम ऑनलाइन के माध्यम से करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस इतिहासिक पल के साक्षी बन सकें। कार्यक्रम से जुड़ने के लिए रेजिस्ट्रेशन लिए जा रहे हैं| अब तक अनेक विशिष्टजनों की शुभकामनायें संदेश, वीडियो, ईमेल और पत्र के माध्यम से हम तक पहुँच रही है| हमारी कोशिश है कि पधारो म्हारे देश कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और त्याग भावना की झलक लोगों तक पहुंचाए| इस कार्यक्रम में राजस्थानी गाना-खाना-नृत्य और कविता आदि का समावेश किया गया है| इसके लिए अपनी स्वेच्छा से उपरोक्त विषय पर 2 से 5 मिनट का वीडियो बनाकर भेजना होगा, जो राजस्थानी संस्कृति से सम्बंधित हो।

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