जिसमें बडी संख्या में जंगली जानवर मौजुद है। वही चारागाह में पशुपालकों द्वारा पशुओं को चराई करने के लिए जाते है। जहा आसपास स्थित प्राकृतिक जल स्त्रोत में सर्दी के मौसम तक पर्याप्त पानी रहता है। मगर जैसे ही गर्मी दस्तक देना शुरू कर देते है। इन प्राकृतिक स्त्रोत में पानी की कमी के कारण सुख जाते है। ऐसे में पशुओं और जंगली जानवरों के लिए गर्मी के मौसम में प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त पानी नही मिलने के कारण वह आबादी क्षेत्र के आसपास आ जाते है।
ऐसे में गर्मी के मौसम में पशुओं और जंगली जानवरों को पर्याप्त पानी पेयजल के रूप में मिले इसको लेकर भामाशाह रावणा राजपुत मिठुसिंह पुत्र लक्ष्मणसिंह राठौड़ घाणेराव द्वारा हजारों रूपये खर्च कर चारागाह और नर्सरी के पास आवाला का निर्माण करवाया गया। जिसमें 24 घंटे पानी की व्यवस्था बनी रहे इसको लेकर वहा पर मौजुद हैंडपंप में मोटर लगाकर और पुटेर दरगाह से बिजली लेकर पानी सुचारू व्यवस्था की गई है। शनिवार को भामाशाह मिठुसिंह राठौड़ ने विधिवत् रूप से पानी की मोटर शुरू कर पशुओं और जंगली जानवरों केलिए पेयजल का स्त्रोत आवाला को पानी से भरकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर पुटेर दरगाह कमेटी के हाजी नबीब बक्स शेख,भंवरसिंह परिहार सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
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