आप क्या करेंगे अगर आपको अपनी शादी से तीन महीने पहले पता चले कि आपका बिजनेस या स्टार्टअप डूब रहा है? शादी होने से जल्द ही आपकी जिम्मेदारी बढ़ने वाली है। ऐसे हाल में हर कोई आपको यही सलाह देगा कि नौकरी करो और खर्च कम करो तो चीजें बेहतर होंगी। 'चायठेला' ब्रांड को को-ओनर पंकज जज के साथ ऐसा ही हुआ। पंकज की शादी से एक महीने पहले उनके को-फाउंडर ने हाथ खड़े कर दिए और पुराने वेंचर से हट गए। उनका स्टार्टअप लगभग बंद होने की कगार पर था। पंकज के लिए नौकरी करना ऑप्शन नहीं था। उन्होंने यह सभी अपनी होने वाली वाइफ को बताया। उनकी वाइफ को पता था कि सब खत्म होने वाला है लेकिन इसके बावजूद वो उनके साथ खड़ी रही। लेकिन फिर उन्होंने अपने लिए नए रास्ते निकाले..
चाय बेचने का आया आइडिया
पंकज ने फिर से बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा और वह अपने को-फाउंडर नितिन चौधरी से फिर से मिले। उन दोनों ने चाय के बिजनेस शुरू करने के बारे में प्लान किया। पंकज ने अपने पार्टनर को कहा कि शादी के बाद यही बिजनेस शुरू करेंगे। अपने पिछले स्टार्टअप के बाद उन्होंने प्लान बी पर काम किया। करीब 2 महीने बाद वह चाय का बिजनेस शुरू कर पाए।
ऐसे शुरूआत हुई चाय ठेले की..
इंडिया में चाय को नेशनल ड्रिंक की तरह माना जाता है। इंडिया में कॉफी से ज्यादा लोग चाय पीते हैं। कॉफी के बिजनेस में कैफे कॉफी डे, बरिस्ता और स्टारबक्स जैसे बड़े प्लेयर पहले ही थे, तो उन्होंने चाय का ही बिजनेस शुरू करने का प्लान किया। चाय ठेला की आउटलेट चेन है जो नोएडा के आसपास चाय का ठेला लगाते हैं। वह फ्रेश बनी हुई चाय सर्व करते हैं। वह डिमांड पर चाय बनाते हैं और उसे स्टोर नहीं करते।
बनाया कियॉस्क बेस्ट मॉडल
चाय ठेला कियॉस्क बेस्ड बिजनेस मॉडल है। वह अपने कियॉस्क आईटी पार्क, प्राइम मार्केट और कॉलेज के आसपास ज्यादा लगाते हैं। उन्होंने यह बिजनेस 2014 में शुरू किया था। अब उनके 6 से अधिक आउटलेट और 32 से अधिक कर्मचारी है। वह रोजाना 500 से 600 कप चाय बनाते हैं। वह अपने आउटलेट की संख्या 500 तक पहुंचाना चाहते हैं।
कैपिटल थी शुरुआती समस्या
पंकज ने कहा कि किसी भी कारोबार को शुरू करने में सबसे ज्यादा दिक्कत कैपिटल की होती है। नितिन उनके को-फाउंडर ने पैसा अपने भाई से लिया और पंकज ने अपने दोस्त से स्टार्टअप के लिए पैसा लिया। अब उनके चाय के बिजनेस में चाय प्वाइंट, चायोस उनके बड़े कंपिटिटर हैं।
चाय ठेला कियॉस्क बेस्ड बिजनेस मॉडल है। वह अपने कियॉस्क आईटी पार्क, प्राइम मार्केट और कॉलेज के आसपास ज्यादा लगाते हैं। उन्होंने यह बिजनेस 2014 में शुरू किया था। अब उनके 6 से अधिक आउटलेट और 32 से अधिक कर्मचारी है। वह रोजाना 500 से 600 कप चाय बनाते हैं। वह अपने आउटलेट की संख्या 500 तक पहुंचाना चाहते हैं।
कैपिटल थी शुरुआती समस्या
पंकज ने कहा कि किसी भी कारोबार को शुरू करने में सबसे ज्यादा दिक्कत कैपिटल की होती है। नितिन उनके को-फाउंडर ने पैसा अपने भाई से लिया और पंकज ने अपने दोस्त से स्टार्टअप के लिए पैसा लिया। अब उनके चाय के बिजनेस में चाय प्वाइंट, चायोस उनके बड़े कंपिटिटर हैं।
33,000 करोड़ का है चाय मार्केट
अभी इंडिया में चाय की मार्केट करीब 33,000 करोड़ रुपए की है। यह सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इंडिया में 90 फीसदी से अधिक रिटेल चाय आउटलेट असंगठित है। बीते सालों में बिजी वर्किंग एरिया में चाय आउटलेट खुलने लगे हैं।
शादी के बाद आईं थोड़ी दिक्कतें
पंकज के इस नए बिजनेस का असर शादी पर भी पड़ा क्योंकि वह कारोबार के शुरूआती समय में अपनी वाइफ को समय नहीं दे पाए जबकि उनकी नई-नई शादी हुई थी।
अभी इंडिया में चाय की मार्केट करीब 33,000 करोड़ रुपए की है। यह सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इंडिया में 90 फीसदी से अधिक रिटेल चाय आउटलेट असंगठित है। बीते सालों में बिजी वर्किंग एरिया में चाय आउटलेट खुलने लगे हैं।
शादी के बाद आईं थोड़ी दिक्कतें
पंकज के इस नए बिजनेस का असर शादी पर भी पड़ा क्योंकि वह कारोबार के शुरूआती समय में अपनी वाइफ को समय नहीं दे पाए जबकि उनकी नई-नई शादी हुई थी।
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