ऐतिहासिक गुजरात राज्य में गुरु मूर्ति हिमाचल सूरीश्वर जी की प्रथम प्रतिष्ठा सूरत में सम्पन। श्रीशीतलनाथ जैन श्री संघ के घर आंगने आज मंगलवार को सभी को शीतलता प्रदान करने वाले अरिहंत परमात्मा श्री शीतलनाथ दादा की छत्र छाया में श्री नाकोड़ा तीर्थोद्वारक,मेवाड़ केशरी, परम पूज्य तपागछीय आचार्य श्रीमद विजय हिमाचल सूरीश्वर जी म.सा.की भव्य गुरुमूर्ति की प्रतिष्ठा सम्पन हुई। हिमाचल सूरीश्वर जी की यह गुरु मूर्ति गुजरात राज्य की प्रथम स्थापित मूर्ति है। गुजरात मे अभी तक किसी भी जैन मंदिर में हिमाचल सुरीश्वर जी की मूर्ति प्रतिष्ठित नही हुई है सूरत में दर्शन रेजीडेंसी में आज प्रतिषिठत हुई गुरु मूर्ति गुजरात एव सूरत की प्रथम गुरु मूर्ति है।
गुरुदेव का भव्य प्रवेश १०८ फुट ऊंची दादा आदिनाथ मूर्ति प्रेरक,शासन प्रभावक,पूज्यपाद आचार्य श्री अशोकसागर सूरीश्वर जी म.सा.आदि ठाना एव परम पूज्य तपागछिय आचार्य श्री हिमाचल सूरीश्वरजी संमुदायवर्तिनी गुरूवर्या पूज्य उद्योत श्री जी म.सा.की शिष्या पूज्य सुरेखा श्री जी म सा आदि ठाना का आज शंखेश्वर कॉम्प्लेक्स से गाजते बाजते बेंड की मधुर ध्वनि के साथ महिलाओ के सोमैया के साथ हुवा,सर्व प्रथम बेंड, गुरु भगवंत,पुरूष वर्ग, गुरु प्रतिमा का रथ,साध्वी समुदाय, श्राविका वरघोड़े की भव्य शोभा थे।
इससे पूर्व विधि विधान पूर्व प्रातः ७:३० बजे प्रभावशाली अढारह अभिषेक संगीतकार सोहन भाई सुरीली आवाज में प्रभु की भक्ति के साथ हुवा,प्रातः ९:३० मंगल प्रवचन एव गुरु मूर्ति प्रतिष्ठा सम्बन्धी चढ़ावे बोले गए।। तपागछिय आचार्य श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि गुरुओ के बताये मार्ग पर चलना ही मानव धर्म का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए उन्होंने आगे बताया कि गुरु ही गोविंद (अरिहंत परमात्मा) से परिचय कराने का कार्य करते है।उन्होंने संघ के लिए गर्व महसूस करते हुवे कहा कि श्री शीतलनाथ जैन श्री बहुत ही भाग्यशाली है जिनके यहा गुजरात राज्य की प्रथम गुरु मूर्ति हिमाचल सूरीश्वर जी की प्रतिष्ठा हो रही है।
पूज्य आचार्य श्री एव साध्वी जी को लाभार्थी परिवार की तरफ से काम्बली ओढ़ाई गई।। पुण्यहाम पुण्यहाम प्रीयनतांम प्रियन्तामके उद्घोष के साथ शुभ मुर्हत में दोपहर ११:३९ पर शुभ मंगल वेला में आचार्य श्री अशोकसागर सूरीश्वर जी म सा को पावन निश्रा एव हस्ते भव्य ऐतिहासिक गुजरात की प्रथम प्रतिष्ठा सम्पन हुई।।
गुरु मूर्ति श्री हिमाचल सूरीश्वर जी की प्रतिमा विराजमान करने के लाभ भानपुरा निवासी श्रीमति प्यारीबेन दीपचंदजी सुपुत्र सुखलाल,छगनलाल,नगिन,शान्तिलाल,राजेन्द्र,पंकज,राठौड़ परिवार हाल सूरत ने लिया इसी परिवार ने ही गुरुदेव की प्रतिष्ठा के बाद प्रथम पूजा का भी लाभ लिया।।
आचार्य श्री एव साध्वी जी का गुरु पूजन एव काम्बली वोहराने का लाभ रिछेड निवासी स्व.मोतीबाई बादरमलजी सुपुत्र प्रकाश कोठारी परिवार हाल सूरत ने लिया।।
प्रथम आरती एव मंगल दीपक का लाभ स्व.दाकीबाई नथमलजी सुपुत्र सोहनलाल वडाला भानपुरा परिवार ने लिया।
उसके बाद दोपहर १२ बजे संघ स्वामीवत्सल्य सम्पन हुवा जिसके लाभार्थी मातु श्री स्व.छगन बेन मोहनलालजी की स्मृति में सुपुत्र शंकरलालजी,प्रकाशकुमारजी पौत्र,महिपाल,चिंतन,हर्ष,प्रतीक,कोठारी परिवार केलवाड़ा मेवाड़ (राजस्थान) प्रतिष्ठान:- सिथार्थ मार्बल सूरत थे।।
कार्यक्रम का संचालन शान्तिलाल राठौड़ ने किया।
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