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राज्य सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है, जिसमें लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने वालों को थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा। लिफ्ट में होने वाले हादसों से प्रभावितों की मदद के लिए सरकार यह कानून ला रही है।

विधेयक तैयार करने को मंजूरी
राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में इस नए कानून का विधेयक तैयार करने को मंजूरी दे दी गई। इतना ही नहीं सरकार लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए वार्षिक निरीक्षण शुल्क वसूलने की भी तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार, नागपुर में शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में सरकार इस नए कानून का विधेयक पेश करेगी, अगर यह कानून विधिमंडल के दोनों सदनों में पारित हो गया, तो महाराष्ट्र सरकार का 'उद्वाहन कानून 1939' रद्द हो जाएगा और उसकी जगह यह नया कानून लेगा। नए कानून का नाम 'महाराष्ट्र उद्वाहन, सरकते जीने व स्वचालित पथ अधिनियम 2017 होगा।

नई प्रौद्योगिकी, नया मानक
1939 में सरकते जीने यानी एस्केलेटर थे ही नहीं, इसलिए पुराने कानून में इनके सुरक्षा मापदंडों को लेकर कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। अब जो नया कानून बन रहा है, उसमें नई प्रौद्योगिकी के हिसाब से भारतीय मानक संस्था ने लिफ्ट, एस्केलेटर आदि के लिए जो मानक तैयार किए हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसे उपकरणों की 'एक्सापयरी डेट' भी तय की जाएगी, ताकि जर्जर लिफ्ट के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके। नए कानून में लिफ्ट या एस्केलेटर की समयबद्ध मरम्मत और सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता अनिवार्य बनाई जा रही है।

क्या होगा परिणाम?
सरकार लोगों की सुरक्षा की खातिर यह नया कानून लेकर आ तो रही है, लेकिन इससे बहुमंजिला इमारत में रहने वालों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा। लिफ्ट के लिए थर्ड पार्टी बीमा और वार्षिक परीक्षण शुल्क लगाए जाने से मकान मालिकों को ज्यादा मेंटेनेंस भरना पड़ेगा। मुंबई जैसे शहरों में जहां अफोर्डेबल हाउसिंग और एसआरए परियोजनाओं के तहत निम्न आय वर्ग के लिए बहुमंजिला इमारतें खड़ी की जा रही हैं, उनमें लिफ्ट लगाना महंगा सौदा हो जाएगा। हालांकि लिफ्ट की आयु सीमा (एक्सपायरी डेट) निर्धारित करने से पुरानी और जर्जर लिफ्ट हटाने तथा उनकी जगह नई लिफ्ट लगाने से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। दूसरी तरफ लिफ्ट और एस्केलेटर उद्योग को बढ़ावा भी मिलेगा।


हाइलाइट्स
लिफ्ट संबंधी नया कानून लाने की तैयारी में महाराष्ट्र सरकार
नया कानून बनते ही रद्द हो जाएगा 'उद्वाहन कानून 1939'
बहुमंजिला इमारत में रहने वालों पर पड़ेगा अतिरिक्त आर्थिक भार

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