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ओखी  चक्रवात मुंबई से होते हुए गुजरात पहुंच गया है, लेकिन यह मुंबई  के मौसम और जन-जीवन पर काफी असर डाल गया। इसके कारण मुंबई के दिन के तापमान में 9.6 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई है। दिसंबर महीने में मुंबई में बारिश का पिछले 10 साल का कीर्तिमान टूट गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में मुंबई के कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतम तापमान के साथ ही न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज होगी, जिससे आने वाले दिनों में ठंड बढ़ सकती है।

दिसंबर में निकलीं छतरियां
मुंबई में दिसंबर में लोगों का छतरियां लगाकर घर से बाहर निकलने का अजीब नजारा देखने को मिला। बीएमसी आपदा प्रबंधन के अनुसार, पेड़ गिरने के दो मामले घाटकोपर और अंधेरी में दर्ज किए गए। प्रशासन ने समुद्री तटों पर विशेष प्रबंध किया है। बुधवार को भी पूरी तरह सतर्कता बरती जाएगी। एनडीआरएफ की टीमों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

स्कूल रहे बंद, असमंजस में बच्चे
मुंबई महानगर क्षेत्र में ओखी चक्रवात की वजह से मंगलवार को स्कूल बंद रखने की घोषणा की गई थी। इसके बावजूद बच्चों में स्कूल बंद रहने को लेकर असमंजस रहा। कई जगहों पर सुबह बच्चे स्कूल जाते दिखे, लेकिन स्कूल बंद होने की वजह से उन्हें घर लौटना पड़ा। सोमवार को शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने ट्वीट करके स्कूल-कॉलेज बंद रखने की घोषणा की थी। कुछ देर बाद शिक्षा मंत्री का एक और ट्वीट आया। इसमें उन्होंने सिर्फ स्कूल बंद होने का जिक्र किया। इससे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि सोमवार देर रात तक यह साफ हो गया कि सिर्फ स्कूल बंद रहेंगे।

हवाई यातायात प्रभावित
ओखी चक्रवात की वजह से महानगर में हुई बारिश ने हवाई सेवाओं को प्रभावित किया। दृश्यता में कमी के कारण मुंबई हवाई अड्डे से विमान 15 से 20 मिनट की देरी से उड़े, जबकि विमान उतरने में ज्यादा विलंब हुआ। हवाई यातायात नियंत्रण के एक अधिकारी ने बताया कि विमान उतरते समय दृश्यता की ज्यादा जरूरत होती है। चक्रवात का रेल सेवाओं पर कोई असर नहीं हुआ। लोकल ट्रेनें समय पर चलीं। मध्य एवं पश्चिम रेलवे पर लोकल गाड़ियों की समयबद्धता 85 प्रतिशत रही। हालांकि कई जगह पानी भरने के कारण सड़कों पर वाहन रेंगते हुए देखे गए।

ईंट भट्टों को नुकसान
चक्रवाती बारिश ने ईंट का व्यवसाय करने वालों को भारी नुकसान पहुंचाया है। भिवंडी बाईपास पर जल-जमाव हो जाने से मुंबई-नासिक महामार्ग पर यातायात जाम रहा। ठाणे एवं पालघर जिले के लगभग दो हजार किसान खेती के अलावा ईंट भट्टी लगाते हैं, जिन्हें लाखों का नुकसान हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से मिट्टी की रॉयल्टी माफ करके आर्थिक सहायता की मांग की है। धान की फसल भी खराब हो गई है।

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