

वर्तमान समय में नई पीढ़ी गगनचुम्बी इमारत और एसी गाड़ी की आदि हो चली है।
शहर में रहते-रहते उनको ग्रामीण सभ्यता, त्योहारी मेला, खेत, कुआं, जानवर बस यादों में ही मिलते हैं या फिर बड़े पर्दे पर गाँव देखकर खुश हो जाते हैं।इन सबके बीच सबसे बड़ी बात है कि गाँव की बातें और चिंता तो सभी करते हैं लेकिन अफ़सोस कि गाँव की ओर कोई जाना नही चाहता है।
हमारा गाँव शब्द सुनते ही सभी का मन प्रफ्फुलित तो हो जाता है लेकिन महिनों से बंद पड़े घर की साफ-सफाई हेतु काम के लिए कोई मिलना मुश्किल और गांव में रहने, खाने आदि की असुविधा होने के कारण जाना असंभव सा होता जारहा है।
जैसा कि सभी जानते हैं कि गोडवाड के हृदय कहे जाने वाले वरकाना तीर्थ के समीप का दादाई गाँव गोडवाड की धड़कन माना जाता है और शांतिनाथ भगवान जिनालय का वार्षिक ध्वजारोहण और होलीे पर जोगमाया का मेला ना सिर्फ दादाई बल्कि आस-पास के गांवों के लिए भी विशेष महत्त्व रखता है और इस अवसर पर भारी संख्या में लोग पधारते हैं लेकिन कुछ लोग जाना चाहकर भी निजी असुविधाओं के कारण मातृभूमि का स्पर्श करने से वंचित रह जाते हैं|
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष श्रीमान वख्तावरमलजी रांका एवं वर्तमान ट्रस्ट मंडल द्वारा भागीरथी प्रयास के फलस्वरूप मौजूदा न्याती नोहरे को नया स्वरूप प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है ताकि नई पीढ़ी गाँव के विकास व उन्नति को समीप से निहार सके।
गागर में सागर कथन का समावेश करते इस प्रांगण में सर्व आधुनिक सुविधाओंयुक्त आगे की भोजनशाला में बैठकर खाने की सुंदर व्यवस्था तथा पीछे विशाल भोजनशाला सहित चार स्टोर रूम, मुनीम कार्यालय कक्ष, अतिथि कक्ष, पाश्चात्य पद्दति के बाथरूम, अत्याधुनिक सुविधाओंयुक्त कमरों का निर्माण किया जायेगा, जिसमें एसी, टीवी, इंटरकॉम आदि एवं साथ ही विशेष आयोजन हेतु सुइट रूम का निर्माण करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं का समावेश किया गया है, जो निकट भविष्य में निश्चित ही सर्वांगीण विकास का केंद्रीय स्थल बनकर वर्तमान ट्रस्ट मंडल द्वारा किया गया ऐतिहासिक प्रयास साबित होगा।
अध्यक्ष श्री वख्तावरमलजी रांका ने सभी गांववासियों से इस महत्वाकांक्षी योजना को पूर्ण करने के लिए सहयोग करने की करबद्ध अपील करते हुए यह भी कहा कि चूँकि वर्तमान ट्रस्ट मंडल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है इसलिए जल्द से जल्द नये ट्रस्ट मंडल का सर्वसम्मति से गठन करे ताकि नया ट्रस्ट मंडल इस बहुमूल्य महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा कर सके|
अध्यक्ष श्रीमान वख्तावरमलजी रांका ने इस योजना के तहत तन-मन-धन से सहयोग करने का विनम्र अनुरोध करते हुए कहा कि संघ की उन्नति में सहभागी बनकर एक छत्र के नीचे एकत्रित होकर सभी को एक सूत्र में बंधने के इस अमूल्य अवसर का लाभ उठायें|
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