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सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में 1600-1800 चीनी सैनिक फिर आ जमे हैं। वे यहां हेलिपैड्स, रोड और शिविरों को बनाने का काम कर रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि भारत को रणनीतिक लक्ष्य मिल गया है और अब चीन को दक्षिण की तरफ किसी भी हालत में सड़क का विस्तार नहीं करने दिया जाएगा। इस क्षेत्र में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवान स्थाई रूप से रहते हैं।

एक सूत्र ने बताया, 'पहले डोकलाम में हर साल अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवंबर में PLA के सैनिक आ जाते थे और इस पर दावा करते थे। 28 अगस्त को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव खत्म होने के बाद पहली बार ऐसा देखा गया है कि PLA ने भूटान क्षेत्र में अड्डा जमा लिया है। हालांकि भारत के साथ यथास्थिति बनी हुई है।'

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सितंबर में ही आगाह किया था कि चीन विवादित क्षेत्र में ताकत आजमाने की कोशिश करता रहेगा। इसलिए चुंबी वैली में रणनीति के तौर पर सैनिकों को तैनात किया गया है। यह सिक्किम और भूटान के बीच में मौजूद है। पहले डोकलाम में भारतीय सैनिक चीन के सैनिकों पर आपत्ति नहीं करते थे लेकिन जून में जब सड़क बनाने के लिए PLA ने यथास्थिति को तोड़ने की कोशिश की तो यहां की सुरक्षा कड़ी कर दी गई।

भारतीय जवानों ने चीन को सड़क बनाने से रोक दिया। इसके बाद पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले चीन ने अपने सैनिकों को 150 मीटर पीछे लौटा लिया। अब इस क्षेत्र में शांति है और भारत-चीन की सेनाएं 500 मीटर दूर रहती हैं। हालांकि लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर सैनिकों की चहलकदमी रहती है। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद चीन ने डोकलाम में दक्षिण की तरफ सड़क बनाने की कोशिश नहीं की है।

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