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पाली. जिले में सांडेराव थाना इलाके के केनपुरा-चाणौद मार्ग पर स्थित श्रीमणिभद्र जैन तीर्थस्थल से बदमाश शनिवार देर रात जैन संत आचार्य भाग्यपूर्ण सुरिश्वर महाराज का अपहरण कर ले गए। एक शिष्य भाग्यलब्धि महाराज ने विरोध किया तो चाकू से वार कर उन्हें घायल कर दिया। नकाबपोश आरोपी संत को जीप में डालकर ले गए और पूरे रास्ते बेरहमी से मारपीट की।


- आरोपियों ने उनके संत परंपरा के वस्त्र उतरवा कर पायजामा पहनाया और गुड़ा रामाजी गांव के जंगल में फेंककर फरार हो गए।

- रविवार तड़के 4 बजे खेत पर जा रहे युवक विक्रम सिंह ने संत के कहराने की आवाज सुनकर उन्हें संभाला और पुलिस को सूचना दी।

इनकी भूमिका बताई जा रही है

- इस पूरे घटनाक्रम में इसी तीर्थस्थल में रहने वाले एक अन्य जैन संत मुनि भाग्य शेखर विजय महाराज की भूमिका बताई जा रही है।

- शिष्यों का आरोप है कि मुख्य गेट बंद था और आरोपियों ने चाबी गेट के पास ही रहने वाले मुनि भाग्य शेखर विजय से ली।

- हालांकि, मुनि भाग्य शेखर ने कहा कि आरोपियों ने जालोर से आना बताते हुए चाबी मांगी थी, इसलिए दे दी।

- आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।


हाथों में तलवारें

- पुलिस के अनुसार, आचार्य भाग्यपूर्ण करीब 17 साल से मणिभद्र जैन तीर्थ में रह रहे हैं। शनिवार रात 11 बजे वे अपने शिष्यों व अन्य संतों के साथ बातें कर रहे थे।

- इस दौरान जीप में सवार कुछ लोग आए और आते ही आचार्य से मारपीट शुरू कर दी। आरोपियों के हाथों में तलवारें थीं।

- घटना को लेकर हो-हल्ला होने पर अन्य कमरों में सो रहे युवकों ने बाहर निकलने का प्रयास किया तो आरोपियों ने कमरों के दरवाजों की कुंडी लगा दी। आरोपी आचार्य को जीप में डालकर ले गए।


बेशकीमती जमीन और तीर्थ स्थल की सत्ता का विवाद तो नहीं
- संत का उपचार सुमेरपुर के भगवान महावीर अस्पताल में चल रहा है। घटना के पीछे तीर्थस्थल की सत्ता कब्जाने, ट्रस्ट भंग कर देने का विरोध सहित फोरलेन मार्ग पर स्थित इस तीर्थस्थल की बेशकीमती जमीन पर कब्जे की नीयत की आशंका से जांच की जा रही है।

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