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मुंबई की लिविंग कॉस्ट कम करने और पुरानी इमारतों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की जरूरत – लोढ़ा

विधानसभा में गौशालाओं को भी विशेष पै

केज की मांग

19 दिसंबर, 2019

नागपुर। भारतीय जनता पार्टी मुंबई के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने मांग की है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर में लिविंग कॉस्ट को कम करने के लिए सरकार अपने सारे टैक्स कम करें, पुरानी इमारतों के लिए रखरखाव व मरम्मत के लिए कम से कम 1000 (एक हजार) करोड़ रुपए का फंड आवंटित करें और जिस तरह से किसानों को राहत की तर्ज गोवंश के लिए भी चारे – पानी के प्रबंध पर सरकार तत्काल फैसला करे।

विधानसभा में आज पूरक मांगों पर बहस के दौरान अपनी ओर से यह तीन प्रमुख मांगें विधायक लोढ़ा ने सरकार के सामने रखी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक लोढ़ा ने सरकार से कहा कि मुंबई में जीवन जीने का खर्च (लिविंग कॉस्ट) देश के किसी भी शहर के मुकाबले सबसे ज्यादा है। यहां व्यक्ति की कमाई के मुकाबले खर्चे बहुत अधिक हो रहे हैं। जिनमें बहुत बड़ा हिस्सा सरकारी टैक्स का है।  उन्होंने सरकार से मांग की कि मुंबई शहर की लिविंग कॉस्ट कम करने के लिए सरकार अपने विभिन्न टैक्स कम करने के बारे में जल्द से जल्द फैसला ले। ताकि मुंबई में भी पुणे, हैदराबाद, बैंगलोर आदि शहरों की तरह रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें। उन्होंने कहा कि मुंबई अपने ही बोझ के तले दबी जा रही है। विधायक लोढ़ा ने इसके अलावा सरकार से मुंबई की पुरानी एवं जर्जर इमारतों के रखरखाव और मरम्मत के लिए 1000 करोड़ रुपए का फंड रिलीज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुंबई में हर साल कई पुरानी इमारतें गिर जाती है, हादसे होते हैं, सैकड़ों जानें जाती हैं। उसकी प्रमुख वजह यही है कि इन हजारों पुरानी इमारतों का रखरखाव और मरम्मत कई सालों से हुए ही नहीं है। उन्होंने एक हजार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित खरने की मांग की, ताकि लाखों लोग अपने घरों में सुरक्षित रह सके। विधायक लोढ़ा ने विधानसभा में पूरक मांगों पर बोलते हुए सरकार से गौशालाओं के लिए विशेष पैकेज के प्रावधान करने की भी मांग की। ताकि महाराष्ट्र की गौशालाओं में चारे पानी के प्रबंध के जरिए पशुधन को बचाने का प्रयास किया जाए। विधायक लोढ़ा ने कहा कि अकाल और बेमौसम बारिश से हर साल किसान को भारी नुकसान सहन करना पड़ता है, उसी तरह से गौवंश पर भी इसका सीधा असर होता है। सरकार किसानों को लिए कई तरह की सहायता करती रही है। लेकिन गोवंश के बारे में भी सरकार को चिंता करने की जरूरत है।

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