पूराना विधालय भवन मरम्मत व रखरखाव के अभाव में दिनोदिन जर्जर होता जा रहा है
कालन्द्री- निकट के वलदरा गांव में सामान्य शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय खोलने व पुराने विधालय भवन की मरम्मत को लेकर गांव के जागरूक युवा समाजसेवी सुरेश पुरोहित जुगनू लगातार शासन और प्रशासन के सामने मामला विस्तृत रूप से रखते आ रहें हैं। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जिला कलेक्टर व संस्कृत शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखकर कई बार अवगत कराया गया है लेकिन आज भी स्थिति ज्यों की त्यों हैं। वलदरा गांव में संस्कृत शिक्षा विभाग का प्रवेशिका विधालय हैं लेकिन पिछले करीब 10-15 सालों से शिक्षकों के ज्यादातर पद रिक्त रहें हैं, जिससे गांव के बच्चे अन्यत्र पढ़ने जा रहें हैं जबकि छोटे बच्चों को भारी मुसीबते झेलनी पड़ रही है। कई बार विधालय में दो और तीन शिक्षकों के भरोसे विधालय संचालित रहा और नतीजा छात्र नामांकन दिनोंदिन कम होता गया और लगातार छात्रों का अन्यत्र पलायन जारी है। पिछले लम्बे समय से गांव में सामान्य शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय खोलने की मांग लगातार जारी है और इसको लेकर जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों को सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश पुरोहित ने ज्ञापन भी सौंपे हुए हैं। एड नरेन्द्र सिंह चारण ने बताया कि गांव में सामान्य शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय नहीं होने से छोटे बच्चों को भारी मुसीबते झेलनी पड़ रही है। साथ गांव से करीब तीन सौ से ज्यादा बच्चे प्रतिदिन अन्यत्र पढने जा रहें हैं जबकि ग़रीब वंचित व जरूरतमंद परिवारों को अपने बच्चों को अन्यत्र पढ़ने भेजने में भारी आर्थिक व अन्य समस्याओं का सामना करना पड रहा है। गांव के बीचों बीच पुराना विधालय भवन हैं, जो धूल धूसरित हो रही है। सन 1946 में दरबार प्राईमरी स्कूल, सन 1949 में राजकीय प्राथमिक व सन 1984-85 मे राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विधालय में क्रमोन्नत हुआ। एक ऐतिहासिक धरोहर व इमारत होने के बावजूद भी मरम्मत व रखरखाव के अभाव में दिनोदिन जर्जर हो रही है जबकी जिम्मेदार मौन है। समय रहते इस धरोहर की मरम्मत नहीं हुई तो आने वाले समय में यह भवन जमींदोज हो जाएगा। गांव के जैन समाज के दानदाताओं ने करीब 60-65 वर्ष पूर्व पूराना भवन बनाकर शिक्षा विभाग को सुपुर्द किया था लेकिन फ़िलहाल शिक्षा का यह मंदिर अपने अस्तित्व के लिए रो रहा है।सुरेश जुगनू
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