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मुंबई में किफायती घरों के लिए महंगी जमीनें सबसे बड़ी बाधा: निरंजन हीरनंदानी

मुंबई:
मुंबईकरों के लिए किफायती घर चाहिए या फिर किफायती घरों की संख्या बढ़ानी हो तो सरकार को नीतिगत विचार करके नयी योजना बनानी होगी। ऐसा स्पष्ट मत नरेडको नेशनल के अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरनंदानी ने व्यक्त किया। मशहूर बिल्डर और नरेडको नेशनल के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरनंदानी ने कहा कि मुंबई जैसे शहरों में महंगी जमीनें किफायती घऱों के लिए सबसे बड़ी बाधा है। हीरानंदानी ने कहा कि यदि सरकार को किफायती घरों की संख्या में इजाफा करना है तो नीतिगत विचार करके नये प्लान तैयार करने होंगे।

हीरानंदानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि शहर के सेंटर में किफायती घर नहीं हैं, ये एक सच्चाई है परंतु इन सबके पीछे महंगी जमीनें ही मुख्य वजह है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के 45 लाख रुपये की सीमा बढ़ानी चाहिए। मुंबई जैसे शहरों में महंगी जमीनों के कारण इतने कम कीमत में घर नहीं मिल सकते हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए किराये पर किफायती घरों की नई संकल्पना नरेडको द्वारा आगे लाई जायेगी ऐसा उन्होंने मत व्यक्त किया। बता दें कि नरेडको निवासी संकुल निर्माण व्यवसायियों का देश का सबसे बड़ा संगठन है। अगले केंद्रीय बजट के मुद्देनजर नरेडको ने वित्त मंत्री से अपनी मांगों का एक निवेदन भेजा है। इसके बारे में उन्होंने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने आगे कहा कि मुंबई में फिलहाल बुलेट ट्रेन को छोड़कर एमएमआरडीए और अन्य प्रकार के प्रोजेक्ट्स मिलाकर कुल 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। पिछले 500 साल में ऐसे विविध प्रोजेक्ट्स में 30 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं परंतु अब सिर्फ 5 सालों में 3 लाख करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है, ये एक बड़ी बात है।

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